-एसटीएफ ने दबोचा, 2009 में दरभंगा में अग्रवाल फैमिली का लूट के बाद किया था मर्डर, दस हजार का था ईनाम

ALLAHABAD: नाम सुनील पारथी उर्फ मोहन गोसाई उर्फ सोनू उर्फ रूप सिंह उर्फ अनिल। इस शख्स के जितने नाम हैं, उतने ही गंदे इसके काम हैं। बावरिया गिरोह के इस शख्स ने छह साल पहले दरभंगा कॉलोनी में अग्रवाल फैमिली के तीन मेंबर्स के मर्डर के बाद लूट की घटना को अंजाम दिया था। एक घटना के बाद नए नाम के साथ यह शख्स नए शहर पहुंच जाता था और फिर से घिनौने काम को अंजाम देता था। दर्जन भर से अधिक लूट और डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुके कई नाम वाले इस शख्स को एसटीएफ ने संडे इवनिंग मुट्ठीगंज पुलिस स्टेशन एरिया के कोठापारचा से अरेस्ट कर लिया। इसके पास नशीला पदार्थ बरामद हुआ है।

ख्8 जनवरी ख्009 को हुअा था मर्डर

एमपी के सतना डिस्ट्रिक्ट के सुनील ने चित्रकूट मानिकपुर के सगे भाइयों शेरा, चकेरी, औरंगाबाद के सुनील, जय और एक अन्य के साथ मिलकर मर्डर तथा लूट की घटना को अंजाम दिया था। पूरे घर से ज्वैलरी और कैश को समेटने के बाद बदमाशों ने बैंक मैनेजर प्रमोद अग्रवाल, उनकी वाइफ गीता और ख्भ् साल के बेटे अंकित का ईट, पत्थर, लोहे की रॉड से बेरहमी से मर्डर कर दिया था। हत्या का पता तीन दिन बाद तब चला जब बदबू आने लगी। एफआईआर प्रमोद के मामा आनंद अग्रवाल ने दर्ज करवाई थी।

चार पहले ही पकड़े

ट्रिपल मर्डर में शेरा, चकेरी और जोधन अरेस्ट हो चुके हैं। जोधन एमपी में पकड़ा गया था जबकि एसटीएफ ने शेरा और चेकरी को इलाहाबाद में अरेस्ट किया था। सुनील और जय वांटेड थे। सुनील पर पुलिस ने दस हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।

दस साल जेल में था

सुनील ने छत्तीसगढ़ स्टेट की कैपिटल रायपुर में क्99भ् में हत्या के बाद लूट की थी। वह ख्00भ् तक जेल में ही था। जेल से छूटने के बाद उसने कई क्राइम किए लेकिन कभी पुलिस के हाथ नहीं आया। सीओ प्रवीण सिंह चौहान ने सुनील की तलाश में इंस्पेक्टर नवेंदु सिंह, एसआई अतुल सिंह एवं अजय सिंह को लगाया था। एसटीएफ ने संडे को सफलता हासिल की।

Posted By: Inextlive