- इनलैंड वाटर वे ट्रांसपोर्टेशन ऑफ इंडिया मार्च में शुरू करेगा काम और जून से हजार टन क्षमता वाले जहाज का ट्रायल

- हल्दिया से इलाहाबाद वाटर वे नंबर एक, 1620 किलोमीटर का है प्रोजेक्ट

- प्रोजेक्ट में लगेगा 4200 करोड़, बनारस टर्मिनल पर 750 करोड़ रुपये का होगा खर्च

-एफकॉन कंपनी को 196 करोड़ का टेंडर जारी, पहले चरण में 15.4 एकड़ पर होगा कंस्ट्रक्शन

- विश्व बैंक पूरी योजना में कर रहा आर्थिक सहयोग

VARANASI

वाटर वे ट्रांसपोर्टेशन फेज-क् जून तक वर्क करने लगेगा। गंगा में मालवाहक जहाज चलाये जाने का केंद्र सरकार का सपना पूरा करने के लिए मार्च से काम शुरू कर दिया जाएगा। टर्मिनल मार्च ख्0क्8 तक बनकर तैयार होगा। फ‌र्स्ट फेज में क्9म् करोड़ का टेंडर एफकॉन कंपनी को दिया गया है। माल ढुलाई के लिए हजार टन के जहाज का ट्रायल जून में शुरू होगा। वाटर वे अथॉरिटी के कैप्टन सोलंकी ने बताया कि माल ढुलाई के लिए प्रति किलोमीटर लगभग क्.भ्0 रुपये प्रति टन के हिसाब से खर्च आएगा। जहाज को हल्दिया से वाराणसी आने में क्0 से क्ख् दिन लगेंगे। बनारस में गुरुवार को ओवर साइट कमेटी की बैठक हुई। इस प्रोजेक्ट में हल्दिया से बनारस के बीच आ रही बाधाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

क्म्ख्0 किलोमीटर का है रूट

गंगा में हल्दिया से इलाहाबाद के बीच क्म्ख्0 किलोमीटर के इस जल मार्ग का एक टर्मिनल बनारस में बनाया जा रहा है। इसके डीपीआर से लेकर टेंडर तक का पेपर वर्क पूरा कर लिया गया है। वहीं टर्मिनल बनाने के लिए रामनगर में जमीन भी फाइनल हो गयी है। मार्च से काम भी शुरू कर लिया जाएगा और जून तक इस टर्मिनल पर एक हजार टन का माल लेकर जहाज पहुंचने लगेंगे। भ्.भ्म् हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने के बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

बनारस टर्मिनल का बजट ढाई सौ करोड़

हल्दिया से इलाहाबाद के बीच वाटर वे नंबर वन प्रोजेक्ट के तहत वाराणसी के रामनगर में राल्हूपुर क्षेत्र में टर्मिनल बनाया जा रहा है। टर्मिनल निर्माण में ख्भ्0 करोड़ रुपये का बजट है। केंद्र सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट में व‌र्ल्ड बैंक भी आधी मदद देगा। फिलहाल वाटर वे के जरिए हल्दिया और फरक्का के बीच ट्रांसपोर्टेशन हो रहा है। इस बारे में उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान व‌र्ल्ड बैंक की ओर से अर्नब बंधोपाध्याय भी मौजूद रहे।

ख्क् लाख टन होगी माल ढुलाई

वाटर वे टर्मिनल के शुरु होने के साथ ही ख्0ख्0 तक जलमार्ग से ख्.क् मिलियन टन यानी ख्क् लाख टन माल ढुलाई का लक्ष्य है। जो ख्0ख्8 तक बढाकर म्.ख् मिलियन टन होगा। अंतिम चरण वर्ष ख्0फ्भ् में यह आंकड़ा क्0 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा।

रोड और रेलवे पर कम होगा लोड

वाटर वे ट्रांसपोर्टेशन की शुरुआत होने के बाद से रोड्स और रेलवे पर पड़ने वाला लोड काफी कम हो जाएगा। रोड ट्रांसपोर्टेशन पर आज के समय से काफी लोड है और इस पर खर्च भी काफी ज्यादा होता है।

क्भ्.ब् एकड़ पर टर्मिनल निर्माण

फ‌र्स्ट फेज में क्भ्.ब् एकड में टर्मिनल बनेगा। फ‌र्स्ट फेज प्रोजेक्ट सक्सेसफुल होता है और रेवेन्यू आने लगता है तो सेकेंड फेज में आईडब्ल्यूएआई रेलवे कनेक्टिविटी के प्रोजेक्ट पर काम करेंगा। इसके लिए भ्00 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जिसमें पांच किमी की रेल लाइन जीवनाथपुर से टर्मिनल के बीच बनायी जाएगी। आगे के लिए भ्0 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है, जिसमें फ्0 हेक्टेयर का सर्वे कर चयन कर लिया गया है। पोर्ट को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए अभी ख्0 हेक्टेयर की जरूरत है।

प्रदूषण रहित है पूरा प्रोजेक्ट

इस प्रोजेक्ट की स्थापना के वक्त से लोगों में यह अफवाह थी कि इससे गंगा में प्रदूषण होगा। लेकिन इसके लिए सभी तरह की एनओसी ले ली गयी है। आईडब्ल्यूएआई के डायरेक्टर अमिताभ वर्मा ने बताया यह पूरा प्रोजेक्ट प्रदूषण मुक्त होगा। बनारस की कछुआ सैंक्चुरी भी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी। इसके लिए चीफ वाइल्ड लाइफ ऑफिस से एनओसी ली गयी है।

क्0क् नदियों में होगा वाटर ट्रांसपोर्ट वे

देश में अब तक पांच नदियों में वाटर वे पर कम चल रहा है। इसके बाद क्0क् और नदियों को वाटर वे के लिए चयन किया जाना है। इसके बाद पूरे देश में वाटर वे ट्रांसपोर्टेशन होने लगेगा। जिससे रेवेन्यू में इजाफा होगा और रेलवे के साथ रोड पर पड़ने वाला दबाव काफी कम हो जाएगा।

चार राज्यों ने सहयोग का दिया भरोसा

यूपी, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल सरकार ने पूरा सहयोग का भरोसा दिया है। बैठक में जलमार्ग प्राधिकरण के सदस्य वित्त परियोजना निदेशक प्रवीर पांडेय, भारतीय अंतरर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण पटना के निदेशक रविकांत, पश्चिम बंगाल के प्रमुख सचिव परिवहन अल्पयन बंधोपाध्याय, जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर झारखंड अंजनी दुबे, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बिहार नवीन चंद्र झा, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर यूपी नरेंद्र मिश्रा, जिलाधिकारी राजमणि यादव मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive