कौन हैं मोदी के मुसलमान समर्थक ?
कहा जा रहा है कि दिल्ली में इसके लिए कई मस्जिदों में पर्चे बांटे गए हैं और दिल्ली भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष आतिफ रशीद को ये ख़ास जिम्मेदारी दी गई है. इससे चार दिन पहले ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी एक रैली हुई और उसमें भी मुस्लिम समुदाय में पार्टी के प्रति आकर्षण पैदा करने की भरपूर कोशिश की गई.रैली में मुसलमान जुटे भी लेकिन भोपाल से स्थानीय पत्रकार ऋषि पांडेय कहते हैं कि भोपाल रैली में मुस्लिम समुदाय को इकट्ठा करना इतना आसान नहीं था. मध्य प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष हिदायतुल्ला शेख ने मुसलामनों से रैली में पारंपरिक वेश-भूषा में आने की अपील की थी.हिदायतुल्ला शेख का कहना था, "हमने कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे अपनी परम्परागत वेशभूषा मे आएं. जो टोपी पहनता है वह टोपी पहने और जो बुरका डालते हैं वे बुरका डालें. "
'बड़े भाई' को सीएम बनाना टार्गेट
अब भाजपा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तो घोषित कर चुकी है और नरेंद्र मोदी भी पूरे फॉर्म में नजर आने लगे हैं. लेकिन अहमदाबाद में स्थानीय पत्रकार अंकुर जैन का कहना है कि यहां के मुसलमान कागजों पर तो नरेंद्र मोदी के साथ होने का दावा करते हैं लेकिन कहीं दिखाई नहीं देते.'महज़ दिखावा'पत्रकार अंकुर जैन कहते हैं कि अहमदाबाद की सबसे बड़ी मुसलमान बस्ती जूहापुरा हो या पुराने शहर का क्षेत्र, खोजने से भी कोई मुसलमान नहीं मिलेगा जो मोदी का समर्थन कर्ता हो.लेकिन अहमदाबाद के एक मुस्लिम व्यापारी और मोदी के समर्थक जफ़र सरेशवाला कहते हैं, "कोई भी मतदाता ये कभी नहीं दिखाता की वो किसका समर्थन कर रहा है. आज मुसलमान समझ गया है कि केवल मुस्लिम टोपी पहनने से या फिर स्वयं को धर्मनिरपेक्ष कहलाने वाली पार्टी उनका भला नही करती."सरेशवाला कहते हैं कि मुसलमान सार्वजनिक रूप से मोदी को स्वीकार नहीं कर रहा होगा लेकिन उसने गुजरात में 2012 में भाजपा के लिए वोट दिया है.वहीं भाजपा के लोगों का भी दावा है कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में 25 प्रतिशत से अधिक मुसलमानों ने मोदी और भाजपा के लिए मतदान किया है. लेकिन विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषक इस दावे को ख़ारिज करते हैं.