देश में बढ़ती कीमतों के चलते प्याज इन दिनों काफी चर्चा में है. बता दें कि प्याज इस वक्त देशभर में 50 से 60 रुपए प्रति किलो है. जानकारी के मुताबिक प्याज का प्रयोग पिछले 4000 सालों से विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है. आज दुनिया के लगभग सभी देशों में इसकी खेती होती है.


4 हजार साल पुराना इतिहास मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्याज का प्रयोग पिछले 4, 000 सालों से विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है. आज दुनिया भर में इसकी खेती होती है. बता दें कि 2011 में संयुक्त राष्ट्र ने प्याज पर एक अध्ययन किया था, जिसमें पाया कि हर व्यक्ति साल में औसतन 33.6 किलो प्याज कंज्यूम करता है. ज्यादातर देशों में इसके पौष्टिक होने के चलते बहुत इस्तेमाल किया जाता है. जानकारी के मुताबिक पूरे विश्व में प्याज का कुल उत्पादन सात करोड़ टन है. खास बात ये है कि चीन और भारत मिलकर पूरे विश्व में सबसे ज्यादा यानी 45 परसेंट प्याज का उत्पादन करते हैं. पौष्टिक है प्याज


डायटिशियन डॉक्टर अर्चना गुप्ता ने बताया कि लो कैलोरी फूड होने के साथ प्याज में फैट बहुत कम यानी न के बराबर होता है. इसमें विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. उनका कहना है कि 100 ग्राम प्याज में पौष्टिक तत्व के तौर पर 4 मिलीग्राम सोडियम, 1 मिलीग्राम प्रोटीन, 9-10 मिलीग्राम कार्बो हाइड्रेट और 3 मिलीग्राम फाइबर होता है, जो सेहत के लिए लाभदायक हैं. इसलिए डॉक्टर भी इसे खाने की सलाह देते हैं. एंटी ऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में होने से कैंसर की बीमारी वालों को खास तौर पर इसका सेवन करना चाहिये.

प्याज की कम पैदावार दिल्ली की आज़ादपुर मंडी में थोक प्याज के व्यापारी राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि दाम बढऩे के पीछे वजह डिमांड और सप्लाई का अंतर है. पिछले 1.5 साल से किसानों को प्याज की पैदावार पर वाजिब दाम नहीं मिल रहा था, इसलिए इस बार किसानों ने प्याज की खेती करना उचित नहीं समझा और पैदावार कम हुई. बारिश नहीं होने के चलते कम हुई पैदावार सबसे ज्यादा पैदावार भारत के महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में होती है, लेकिन इस बार इन राज्यों में भी बारिश कम होने के चलते प्याज़ की फसल बर्बाद हो गई. राजेंद्र शर्मा के मुताबिक दिल्ली में दाम बढऩे के पीछे मध्य प्रदेश सरकार का भी हाथ है. किसानों को उचित दाम देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने थोक में प्याज खरीद लिया, लेकिन स्टोर करने के लिए बेहतर इंतजाम नहीं किये, इसलिए ज्यादातर प्याज बर्बाद हो गए. मंडी से किचन तक

महाराष्ट्र की मंडी में आज भी प्याज 26 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, लेकिन मंडी से घर पहुंचते ही इसकी कीमत दोगुनी हो जाती है. महाराष्ट्र के लासलगांव मंडी के थोक व्यापारी जय दत्त होलकर इसकी वजह बताते हुए कहा कि दिल्ली का थोक व्यापारी महाराष्ट्र आकर प्याज खरीदता है तो 26 रुपए प्रति किलो वाला प्याज, दिल्ली के खुदरा व्यापारी को 30- 32 रुपए प्रति किलो मिलता है.थोक हो या खुदरा व्यापारी, लागत पर पैकिंग, माल ढुलाई और मुनाफा जोड़ कर किसी भी चीज का दाम तय किया जाता है. लेकिन सप्लाई जब कम होती है तो व्यापारी मुनाफा मनमाना लगाते हैं. ये भी एक वजह है महाराष्ट्र में 26 रुपए किलो मिलने वाला प्याज़ दिल्ली में 50-60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है.

Posted By: Mukul Kumar