मम्मियां भी सीख रहीं सेल्फ डिफेंस
- सिटी की दो ट्रेनर्स ने उठाया पर्स चोरी व चेन स्नेचिंग की घटनाओं से परेशान महिलाओं को ट्रेंड करने का बीड़ा
GORAKHPUR: सिटी की गर्ल्स और महिलाओं को अब शोहदों या चेन स्नेचर्स से डरने की जरूरत नहीं है. ईव-टीजिंग, चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं से परेशान शहर की लड़कियों और महिलाओं के लिए संजीवनी बनकर सामने आई हैं दो सेल्फ डिफेंस ट्रेनर्स गायत्री मिश्रा और अर्पिता श्रीवास्तव. इन दोनों ने सिटी की वुमंस को इस तरह की घटनाओं से निपटने लायक बनाने का बीड़ा उठाया है. अपनी इस मुहिम में ये बहादुर बेटियां 12 हजार लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुकी हैं. इतना ही नहीं, वे गर्ल्स की मॉम्स को भी सेल्फ डिफेंस सिखाने में जुटी हैं. जरूरी है सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंगस्कूल-कॉलेज गोइंग छात्राओं को जहां आए दिन मनचले और शोहदों का सामना करना पड़ता है. वहीं इन दिनों शहर में महिलाओं के साथ चेन स्नेचिंग और पर्स चोरी की घटनाएं भी आम हो गई हैं. न्याय न मिल पाने की वजह से पुलिस के पास भी पीडि़त महिलाएं जाना बंद कर चुकी हैं. इस समस्या को देखते हुए ही सेल्फ डिफेंस ट्रेनर्स गायत्री और अर्पिता ने गर्ल्स और महिलाओं को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग देने का सिलसिला शुरू किया. जहां पहले 25-30 महिलाएं उनकी इस मुहिम से जुड़ीं. वहीं, अब सैड़कों वुमंस इन दोनों से सेल्फ डिफेंस सीख रही हैं. गायत्री और अर्पिता कहती हैं कि इन दिनों जो हालात हैं ऐसे में हर लड़की और महिला के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेना जरूरी हो गया है.
वर्किग वुमन या हाउस वाइफ, हर कोई ले रहा इंट्रेस्ट गायत्री और अर्पिता जहां पूर्वाचल नियुद्ध एकेडमी के तहत छोटे बच्चों समेत लड़कियों को सेल्फ डिफेंस के लिए ट्रेंड करती हैं. वहीं बाहर भी अपनी ये मुहिम बढ़ा रही हैं. अब लड़कियों के साथ ही उनकी मॉम्स ने भी सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग में इंट्रेस्ट दिखाना शुरू कर दिया है. गायत्री बताती हैं कि वे 6वीं से 12वीं तक की कुल 12 हजार छात्राओं को ट्रेंड कर चुकी हैं. वहीं दो हजार कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं को भी ट्रेंड कर चुकी हैं. लेकिन अब वर्किग लेडीज और हाउस वाइफ्स भी उनसे ट्रेनिंग ले रही हैं. सेल्फ डिफेंस के टिप्स - खुद को आत्म निर्भर बनाएं. - डरे बिलकुल भी नहीं. - चेन खींचते समय सामने वाले का सामना करें - चेन खींचकर भागने पर उसे चिल्लाते हुए दौड़ा लें. - अवेयर होना जरूरी है.लड़कियों व महिलाओं के साथ होने वाली घटनाएं
- मार्केट में जाने पर चेन स्नेचिंग की घटना - शादी-पार्टी में जाने पर गले के हार, पर्स चोरी की घटना - वर्किग लेडीज के साथ ऑटो में सफर के दौरान घटना - बस व आटो से आने वाली छात्राओं के साथ ईव टीजिंग डिफेंस करने के लिए दी जा रहे ट्रेनिंग हैंड टेक्नीक - हाथ को छुड़ाने के लिए थ्रोइंग - उठाकर पटकना लॉक - सामने वाले को हाथ या पैर लॉक कर सकते हैं हिटिंग टेक्नीक - हाथ या पैर से ही सेंसटिव पार्ट को अटैक करना एल्बो अटैक - सामने वाले के ग्रिप पकड़ने पर छुड़वाने की विधि नी अटैक - पेट या सेंसटिव पार्ट पर अटैक किक - सामने वाले के पकड़ने पर किक करके छुड़वाना इन स्कूलों के छात्राओं को दी जा चुकी है ट्रेनिंग - एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज - आर्य कन्या गर्ल्स इंटर कॉलेज - भगवती कन्या गर्ल्स इंटर कॉलेज - आरपीएम स्कूल - एमपी गर्ल्स स्कूल कोट्सअभी तक 12 हजार लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. एबव 60 ईयर ओल्ड लेडीज तक को इस वक्त ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वह डिफेंस कर सकें.
गायत्री मिश्रा, कराटे ट्रेनर ईव-टीजिंग की घटना हो या फिर चेन स्नेचिंग. इस तरह की घटना सिटी में आम बात हो गई है. ऐसे में लड़कियों को जहां सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं उनकी मां भी इंट्रेस्टेड हैं. उन्हें भी ट्रेंड कर रहे हैं. - अर्पिता श्रीवास्तव, कराटे ट्रेनर