उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ धाम में आगामी 11 सितंबर से पूजा शुरू करने के निर्णय पर मुहर लगा दी है. पूजा सुबह सात बजे से 11 बजे तक होगी. मंदिर के कपाट अपने नियत समय यानी दीपावली के बाद बंद होंगे. केदारनाथ में फिलहाल यात्रा शुरू न करने का निर्णय लिया गया है. 30 सितंबर को सरकार व मंदिर समिति के बीच होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा. इस दौरान पैदल मार्ग से भी किसी यात्री को केदारनाथ नहीं जाने दिया जाएगा. यही नहीं केदारनाथ धाम तक केवल वही हेलीकॉप्टर जाएंगे जो सरकारी हैं अथवा जो सरकार के नियंत्रण में संचालित हो रहे हैं.


सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक


रविवार को सचिवालय में केदारनाथ धाम में पूजा शुरू करने को लेकर मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की अध्यक्षता में मंदिर समिति, चार धाम विकास परिषद समेत मंत्रियों व शासन के आला अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि मंदिर समिति और शंकराचार्य के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में 11 सितंबर को सुबह सात बजे से 11 बजे तक पूजा करने का निर्णय लिया गया है. इसके बाद केदारनाथ के लगातार पूजा जारी रखी जाएगी. पूजा शुरू करने से पहले मंदिर समिति के 24 सदस्य मंदिर पहुंच जाएंगे, जो यहां 11 सितंबर से पूजा अर्चना प्रारंभ करेंगे. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अभी यात्रा शुरू नहीं की जा रही है. पैदल मार्ग अभी बन रहे हैं. सुरक्षा के मद्देनजर पैदल यात्रियों को भी केदारनाथ आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. केदारनाथ आने वाले पैदल मार्गों पर पुलिस तैनात रहेगी. पूजा के बाद हटेगा मलबा

केदारनाथ में भवनों को ध्वस्त करने और मलबा उठाने का कार्य 11 सितंबर के बाद ही शुरू हो पाएगा. सरकार पूजा से पहले यह काम शुरू कराने के पक्ष में नहीं है. केदारनाथ के पुनर्विकास व पुनर्निर्माण के लिए यहां काफी काम किया जाना है. इसके तहत यहां जर्जर हो चुके भवनों को ध्वस्त करने के साथ ही यहां नए सिरे से भवनों का निर्माण करना है. इस कार्य के लिए भारी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाना है. इन उपकरणों को उतारने के लिए एमआइ-26 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए यहां विशेष हेलीपैड भी बनाया जाना है. भवनों को ध्वस्त करने और मलबा उठाने के कार्य के दौरान यहां दबे शवों के मिलने की आशंका भी जताई जा रही है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh