चीन की संसद ने राष्‍ट्रपति के पद पर किसी व्‍यक्ति के दो कार्यकाल की लिमिट को खत्‍म कर दिया है। नये संविधान संशोधन के बाद चीन के मौजूदा राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग अब आजीवन राष्‍ट्रपति बने रह सकेंगे। आइए जानते हैं चीन भारत और उसके पड़ोसी देशों में राष्‍ट्र प्रमुख बने रहने की क्‍या लिमिट है।


चीनएकदलीय राजनीति वाले चीन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना यानी सीपीसी का शासन है। चीन के मौजूदा राष्ट्रपति शी चिनफिंग सीपीस और पीपल रिपब्लिक आर्मी यानी सेना के भी प्रमुख हैं। चीनी संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस ने उस संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को दो कार्यकाल की लिमिट को खत्म कर दिया गया है। जानकार ऐसा मानते हैं कि चिनफिंग की सीपीसी में मजबूत पकड़ है और वे जितनी बार चाहें राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। चीन में मौजूदा संविधान 4 दिसंबर, 1982 में प्रभावी हुआ था।पाकिस्तान
बहुदलीय राजनीति पर आधारित पाकिस्तान में भी भारत की तरह राष्ट्राध्यक्ष राष्ट्रपति होता है लेकिन कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री के पास होती हैं। पाकिस्तान में राष्ट्रपति के लिए 5 वर्ष के दो कार्यकाल की लिमिट है जबकि प्रधानमंत्री के पद के लिए कोई लिमिट तय नहीं है। यानी कोई भी संविधान के अनुसार चुनाव जीतकर पाकिस्तान में अनगिनत बार प्रधानमंत्री बन सकता है। कई बार सैनिक तख्तापलट के शिकार पाकिस्तान में मौजूदा संविधान 14 अगस्त, 1973 को लागू हुआ था।श्री लंका


4 फरवरी, 1948 को ब्रिटेन से आजाद श्री लंका में भी बहुदलीय राजनीतिक प्रणाली है। यहां राष्ट्रपति ही राष्ट्राध्यक्ष होता है। यहां भी एक व्यक्ति दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। यहां राष्ट्रपति के लिए 5 वर्ष के दो कार्यकाल की अधिकतम लिमिट है। जबकि प्रधानमंत्री के लिए कोई लिमिट तय नहीं है। यहां 31 अगस्त, 1978 में संविधान लागू किया गया था।

Posted By: Satyendra Kumar Singh