प्रोफेसर पर छेड़खानी का आरोप
मगध यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ कॉमर्स का कैंपस लड़कियों के लिए सेफ नहीं है। कभी टीचर पर छेड़खानी का आरोप लगता है, तो कभी सीनियर स्टूडेंट्स पर। इसी सेशन की शुरुआत में ग्रेजुएशन की एक स्टूडेंट ने अपने ही प्रोफेसर पर छेड़खानी का आरोप लगाया था, अब आईकॉम की स्टूडेंट्स अपने सीनियर पर परेशान करने का आरोप लगा रही हैं। लेकिन हमेशा की तरह कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन रिटेन कंप्लेन लेने का बहाना ढूंढ रहा है। पहले केस की तरह इस मामले में भी स्टूडेंट्स ने कंप्लेन दे दी है, पर अब कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन जांच की बात कर रहा है। हालांकि कैंपस में सिक्योरिटी इश्यू पर थाने से पुलिस बुलाने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

खुलेआम होती है छेड़खानी
कॉलेज ऑफ कॉमर्स का कैंपस नैक एक्रीडिएशन में सिर्फ गल्र्स हॉस्टल ना होने के कारण पिछड़ गया। पिछड़ेपन को सुधारने की कोशिश शुरू हुई, हॉस्टल का फंड यूजीसी से पास हो गया। लेकिन कैंपस में पढऩे के लिए आने वाली गल्र्स की सिक्योरिटी पर ही कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन कुछ नहीं कर पा रहा। आईकॉम की कुछ गल्र्स ने मंगलवार को प्रिंसिपल से शिकायत की कि कॉलेज के ही कुछ सीनियर स्टूडेंट्स उनकी क्लास के बाहर खड़ा होकर छेड़ते हैं और ऑब्सीन कमेंट पास करते हैं। गल्र्स ने प्रिंसिपल को रिटेन कंप्लेन देकर कहा है कि अगर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की, तो स्टूडेंट्स आगे डीएम और सीएम के पास कंप्लेन करेंगी.

Zero security in campus
कॉलेज ऑफ कॉमर्स में सिक्योरिटी की प्रॉब्लम अर्से से परेशानी का सबब रही है। छोटी बातों पर भी पुलिस को ही इंटरफेयर करना पड़ता है। कॉलेज में मारपीट हो या छेड़खानी जैसी घटनाएं, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा सीधे पुलिस को इंफॉर्म किया जाता है। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन के पास रेगुलर विजिट करने या दूसरी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे स्टूडेंट्स कैंपस में सेक्योर रहें.

Past History
सेशन की शुरूआत में ही 29 अगस्त को कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एक छेड़खानी का मामला सामने आया था। इसमें एक प्रोफेसर पर छेड़खानी का आरोप लगा था। कॉलेज में यह पहली बार था जब किसी स्टूडेंट ने अपने ही टीचर पर आरोप लगाया था। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने मामले में जांच शुरू की थी.

आईकॉम की स्टूडेंट्स के साथ छेड़खानी हुई है, उसकी हम जांच कर रहे हैं। हमने पुलिस स्टेशन को इंफॉर्म भी कर दिया था, लेकिन कंप्लेन करने वाले पुलिस में एफआईआर देने को रेडी नहीं थे। इसलिए मैंने खुद एप्लीकेशन लेकर पुलिस को फॉरवर्ड कर दिया है। इसके अलावा प्रॉक्टोरल बोर्ड को भी लिख दिया, जो मामले की जांच करेगी।
प्रो शैलेंद्र कुमार सिंह
प्रिंसिपल, कॉलेज ऑफ कॉमर्स.