कुम्हारों को संजीवनी देने के साथ माघ मेले को पॉलीथिन फ्री बनाने की योजना तैयार

<कुम्हारों को संजीवनी देने के साथ माघ मेले को पॉलीथिन फ्री बनाने की योजना तैयार

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: संगम की रेती पर एक महीने बाद आबाद होने जा रहे नए शहर में प्लास्टिक की सामग्रियों से दूरी रहेगी। कुम्हारों को संजीवनी देने के साथ पर्यावरण व नदियों में प्लास्टिक न पहुंचने के टारगेट के साथ यह पहल की गई है। इसके लिए बकायदा अफसरों की जिम्मेदारी तय की गई है। सम्पूर्ण माघ मेला क्षेत्र में पानी से लेकर चाय तक सिर्फ कुल्हड़ में मिलेगी। इसके अलावा खाने की सामग्री भी मिट्टी के बने पात्रों में बिक्री किए जाने की योजना को वर्कआउट किया जा रहा है।

विभागों को जमीन इसी महीने

डीएम संजय कुमार ने शनिवार को मेले की तैयारियों से संबंधित विभागों के साथ मीटिंग कर कार्यो की रूपरेखा और समयावधि निर्धारित की। उन्होंने कहा कि तीस नवंबर तक सर्वे कराकर विभागों को जमीन दे दी जाए। साथ ही भंडार घरों व थानों की लाइटिंग सुदृढ़ की जाए। विद्युत विभाग के कार्यो को क्भ् नवंबर से शुरू कराने का निर्देश दिया। कहा कि जल निगम क्ख् नवंबर तक काम शुरू कराए और स्वास्थ्य विभाग दस नवंबर परेड से संगम तक साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था करे।

मेले में लगेंगी दो हजार बसें

बैठक में परिवहन विभाग ने बताया कि माघ मेले में दो हजार बसों की व्यवस्था की गई है। मौनी अमावस्या और पूर्णिमा स्नान के लिए क्ब्ख्0 बसें लगाई जाएंगी। दो सौ बसें रिजर्व रहेंगी। डीएम ने रेलवे को मेले में अलग से टिकट काउंटर एक जनवरी से शुरू कराने को कहा है। यात्रियों को ट्रेनों की सूचना बड़े फ्लैक्स बोर्ड के जरिए दी जाए। कहा कि मेले में सिविल डिफेंस के लोग फुल यूनिफार्म में रहेंगे। उन्होंने घाटों के समतलीकरण और चकर्ड प्लेटों को लगाने का काम तय समय में पूर्ण करने को कहा है। इसके अलावा बैठक में अन्य विभागों की टाइम लाइन भी फिक्स की गई।

डेट लाइन

दस नवंबर से पहले पीडब्ल्यूडी पांच पांटून पुलों की रूपरेखा तैयार करेगा।

तीस नवंबर तक काली सड़क के पांटून पुल को बनाया जाए।

ख्भ् नवंबर तक झूंसी की ओर से सर्विस लेन चालू की जाए।

क्भ् नवंबर तक दारागंज के श्मशान घाट को शिफ्ट किया जाएगा।

कब कौन सा स्नान पर्व

पौष पूर्णिमा- क्ख् जनवरी

मकर संक्रांति- क्ब् जनवरी

मौनी अमावस्या- ख्7 जनवरी

बसंत पंचमी- एक फरवरी

माघी पूर्णिमा- ख्ब् फरवरी