. दो साल के बेटे के साथ प्रशिक्षक मीनू सिंह निभा रही जिम्मेदारी

. बीमारी व अन्य कारण गिनाकर ड्यूटी कटवाने वालों के लिए बनी नजीर

बरेली: चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए लोग अफसरों के चक्कर लगाते हैं. बीमारी व अन्य कारण गिनाकर प्रार्थना पत्र देते हैं, लेकिन इस मिथक को तोड़ आइटीआई सीबीगंज की अनुदेशक मीनू सिंह ने नजीर पेश की है. दो साल के बच्चे के साथ चुनावी प्रशिक्षण देकर दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है.

मास्टर ट्रेनर है महिला

लोक सभा चुनाव में कार्मिक प्रशिक्षण के लिए मीनू को मास्टर ट्रेनर बनाया गया. करीब दो साल का बच्चे की अकेली परवरिश करने के बाद भी प्रशासन की ओर से मिली जिम्मेदारी स्वीकार की. मीनू ने बताया, आमतौर पर लोग जिम्मेदारी उठाने से बचते हैं. चुनौतियों का सामना करने की बजाय घबराने लगते हैं, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया.

गुड़गांव की है महिला

ट्रेनर गुडग़ांव की रहने वाली है. पति दिनेश वहीं निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. बरेली में सेवा मिलने के कारण यहां अकेली रहती है. दो साल के बेटे को अकेले घर पर नहीं छोड़ सकती है. चुनाव ड्यूटी से भी नहीं भागना चाहती है. इसलिए बेटे को साथ लेकर प्रशिक्षण दे रही हूं. इसमें मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही. बेटा भी प्रशिक्षण के दौरान कोई व्यवधान पैदा नहीं करता.

रिजर्व कर्मी बनने से किया मना

मीनू के हौसले को देख प्रशिक्षण कार्यक्रम की जिम्मेदारी निभाने वाले उप निदेशक युवा कल्याण विवेक श्रीवास्तव ने उनकी ड्यूटी रिजर्व कर्मी के रूप में लगाने की बात कही, लेकिन मीनू ने मना कर दिया.