चेन्नई (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बैठक समाप्त हो गई है। विदेश सचिव विजय गोखले ने शनिवार को बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी और चिनफिंग ने इस बात पर सहमति जताई कि दुनिया में आतंकवाद और कट्टरता की चुनौतियों से निपटना महत्वपूर्ण है। गोखले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई है कि दुनिया में आतंकवाद और कट्टरता की चुनौतियों से निपटना जरूरी है। दोनों ऐसे देशों के नेता हैं, जो न केवल क्षेत्रों और आबादी के मामले में बड़े हैं, बल्कि विविधता के मामले में भी बड़े हैं।'

सौहार्दपूर्ण रही दोनों नेताओं की बैठक
उन्होंने कहा, 'चर्चाएं बहुत खुली और सौहार्दपूर्ण थीं। कट्टरता दोनों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है और दोनों इस चुनौती का मिलकर सामना करेंगे।' गोखले ने कहा, 'दोनों नेताओं ने व्यापार पर भी चर्चा की। यह मुद्दा भी बेहद जरूरी था। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पीएम मोदी की बात सुनने के बाद आश्वासन दिया कि चीन इस संबंध में ईमानदारी से कदम उठाने और व्यापार में नुकसान को कम करने को लेकर गंभीरता से चर्चा करने के लिए तैयार है।' इसके अलावा दोनों नेताओं ने अर्थव्यवस्था से संबंधित मामलों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने एक साथ पांच घंटे बिताए। गोखले ने बताया कि भारत और चीन ने बड़े स्तर पर व्यापार, निवेश और सेवाओं पर चर्चा करने के लिए एक नया मैकेनिजम स्थापित करने का निर्णय लिया है। बता दें कि दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बैठक हुई।

दिल्ली के लिए रवाना हुए पीएम मोदी
दो दिवसीय भारत-चीन अनौपचारिक शिखर सम्मेलन को समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चेन्नई हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं, कुछ देर पहले चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी अपने नेपाल दौरे के लिए चेन्नई से रवाना हो गए हैं। गोखले ने बताया कि प्रधानमंत्री ने चीन में तीसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति शी के निमंत्रण को भी स्वीकार किया है।

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