प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बोर्नो राज्य में एक अज्ञात जगह पर इन महिलाओं को बंदूक की नोक पर गाड़ियों में भर दिया गया.

जहां से इन महिलाओं का अपहरण हुआ है, वो सुदूर चिबोक गांव के नज़दीक है जहां से पिछले महीने 200 से ज़्यादा  स्कूली छात्राओं को अगवा किया गया था. ये अपहरण भी बोको हराम ने किया था.

ये घटना गुरुवार को खानाबदोशों के गार्किन फुलानी सेटलमेंट में हुई.

नाइजीरियाई सेना ने इस पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है. देश के उत्तर-पूर्व में चरमपंथी हमलों को रोकने में नाक़ामयाबी के लिए सेना की  आलोचना बढ़ती जा रही है.

बोको हराम के हमले जारी

इस इलाके के निवासियों का कहना है कि यहां आपातकाल लागू होने के बावजूद सेना या तो निष्क्रिय है या फिर ग़ायब है जिसकी वजह से बोको हराम के चरमपंथियों के हमले  जारी हैं.

स्थानीय निगरानी समूह के एक सदस्य अल्हाजी तार ने बताया, "तीन घंटे बाद जब हमने ख़बर सुनी तो हमने अपहरणकर्ताओं का पीछा करने की कोशिश की लेकिन हमारे पास जो वाहन हैं, उनमें हम ज़्यादा दूर नहीं जा पाए और हमारे पास सूचना भी थोड़ी देर में पहुंची."

अप्रैल में स्कूली छात्राओं के अपहरण के बाद से सरकार पर देश के अंदर और विदेश से, बोको हराम पर लगाम कसने के लिए दबाव बढ़ रहा है.

सोमवार को सेना ने घोषणा की कि हाल के दिनों में चरमपंथ-रोधी कार्यवाई में उसने 50 चरमपंथियों को मारा है औऱ बोर्नो और अदामावा राज्यों में इस्लामी गुटों द्वारा और हमले होने से रोके हैं.

सेना की कार्यवाई हाल के दिनों में चरमपंथियों द्वारा गांवों पर हमलों के बाद हुई है. बोर्नो राज्य के ग्वोज़ा इलाके में सिर्फ़ एक हमले में ही कम से कम 200 लोगों के मारे जाने की आशंका है.

देश के आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र की एक नई रिपोर्ट और नोर्वीजियन रिफ़्यूजी काउंसिल का कहना है इस साल में ही बोको हराम ने 3300 लोगों को मारा है.

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