कानपुर। Nirbhaya Case देश को झकझाेर कर रख देने वाले साल 2012 के निर्भया मामले में माैत की सजा पाए चार दोषी बचने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस मामले में एक दोषी मुकेश कुमार ने अपनी दया याचिका दायर की थी जिसे आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के एक ट्वीट के मुताबिक इसके बाद अब इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने फांसी के लिए नई तारीख देते हुए डेथ वारंट जारी किया है। इन चारों दोषियों को अब 1 फरवरी, सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी।


दया याचिका खारिज करने की अपील की
गृह मंत्रालय ने दया याचिका राष्ट्रपति भवन को भेजते हुए राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज करने की अपील भी की थी। हालांकि इसके पहले दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल से दोषी की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया को बताया कि मामले में एक दोषी द्वारा एक नई दया याचिका दायर की गई है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि 'हमने बिजली की गति से काम किया है और पहले ही उपराज्यपाल के पास फाइल भेज दी है।

दोषी मुकेश द्वारा दया याचिका दायर की गई है
उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि 'हमने बिजली की गति से काम किया है और पहले ही उपराज्यपाल के पास फाइल भेज दी है। बता दें कि इसके पहले बीते बुधवार को निर्भया मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने चारो दोषियों की याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया था। निर्भया के दोषियों ने सेशन कोर्ट के डेथ वारंट के फैसले को याचिका डालकर दिल्ली हाई कोर्ट में चुनाैती दी थी।निर्भया किे सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस मनमोहन और संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने कहा कि सेशन कोर्ट ने 7 जनवरी को जो दोषी मुकेश कुमार के खिलाफ जो डेथ वारंट जारी किया उसमे कोई कमी नहीं है। हालांकि कहा जा रहा है कि निर्भया में दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं होगी क्योंकि उनमें से एक दोषी मुकेश द्वारा दया याचिका दायर की गई है।

7 जनवरी को डेथ मौत का वारंट जारी किया गया था

नियमों के तहत चार दोषियों को मौत की सजा अंजाम देने से पहले उनकी दया याचिका पर फैसला लेने का इंतजार करना होगा। दिल्ली की अदालत ने 7 जनवरी को डेथ मौत का वारंट जारी कर चार दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में सुबह 7 बजे फांसी का आर्डर दिया था। वारंट जारी करने के बाद क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन के लिए दो सप्ताह का टाइम दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में विनय और मुकेश की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन पर खारिज हो गई थी। बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म करने के साथ ही उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था।

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