- बिहार में सबसे अधिक डेंगू केसेज पटना से मिल रहे

- भारी जलजमाव के इलाके हैं सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र

PATNA(9 Oct):

भारी बारिश और जलजमाव के बाद अब पटनाइट्स को डेंगू का डंक काफी तेजी से लग रहा है। अब तक सैंकड़ों मामले डेंगू के मिल चुके हैं और हर दिन नए-नए मामले सामने आने से लोगों को अब चिंता सताने लगी है। दीघा, राजीव नगर, पाटलिपुत्र, जक्कनपुर, कंकड़बाग, राजेंद्रनगर व गर्दनीबाग से अब तक सर्वाधिक मरीज मिले हैं।

बुधवार को पीएमसीएच में 71 डेंगू के नए मरीज मिले। इस मौसम में अब तक डेंगू के 885 मरीज यहां आ चुके हैं। पिछले वर्ष पीएमसीएच में करीब 1500 मरीज आए थे। मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। सरकार ने हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डेंगू के प्रारंभिक जांच की व्यवस्था की है। जिन लोगों में डेंगू के संकेत मिल रहे हैं, उन्हें कंफर्म करने को पीएमसीएच भेजा जा रहा है। पीएमसीएच में जांच के साथ इलाज की व्यवस्था मुफ्त में कराई गई है। सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी काफी संख्या में डेंगू के मरीज भर्ती हैं। उधर, एनएमसीएच और आरएमआरआई में भी नये मामले मिल रहे हैं। गंभीर स्थिति की देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से पटना जिला में 20 अलग-अलग स्थानों पर हेल्थ कैंप लगाया गया है।

इमरजेंसी में बढ़ाए गए 20 बेड

पीएमसीएच की इमरजेंसी में फिलहाल 20 बेड बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। बच्चों के वार्ड में भी दस बेड बढे़ हैं। इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को भर्ती करने के लिए 10 बेड रिजर्व किए गए हैं। इसके अलावा ब्लड बैंक में हमेशा प्लेटलेट्स मौजूद रखने का निर्देश दिया गया है।

यहां से ले सकते प्लेटलेट्स

राजधानी में सरकार की ओर से बिहार रेडक्रॉस, पीएमसीएच व मॉडल ब्लड बैंक जयप्रभा में प्लेटलेट्स की व्यवस्था कराई गई है। कोई भी मरीज या उसका परिजन इन ब्लड बैंकों से प्लेटलेट्स ले सकता है। डोनर द्वारा रक्त देने के बाद यहां पर प्लेटलेट्स देने की व्यवस्था की गई है।

10 हजार से कम होने पर ही चढ़ाएं प्लेटलेट्स

जयप्रभा मॉडल ब्लड बैंक के निदेशक डॉ। आनंद किशोर का कहना है कि प्लेटलेट्स कम होने पर मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है। नए रिसर्च के अनुसार अगर दस हजार से कम प्लेटलेट्स हों, तभी ऊपर से चढ़ाने की जरूरत है।

होमियोपैथी में भी उपलब्ध है टीका

डॉ। एएन सिंह का कहना है कि होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति में डेंगू से बचाव का टीका उपलब्ध है। लोग उसका उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा प्लेटलेट्स बढ़ाने की दवा भी है।

हर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पर जांच की व्यवस्था

पटना के सिविल सर्जन डॉ। आरके चौधरी का कहना है जिले के सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर डेंगू मरीजों की जांच की व्यवस्था की गई है। अगर किसी मरीज को तीन दिन से अधिक दिन तक बुखार रहता है तो वह डेंगू की जांच करा सकता है।

पीने के पानी में भी खतरा!

पटना में जलजमाव के इलाके डेंगू के लिए रेड जोन बन गये हैं। इसे लेकर इतना खौफ का वातावरण है कि आम से खास हर कोई इसके लिए बचाव और संभावित उपायों पर काम कर रहा है। पीएमसीएच की माइक्रोबायलोजी डिपार्टमेंट की ओर से जलजमाव से प्रभावित राजेंद्र नगर एवं आस -पास के इलाकों से पीने के पानी की जांच की जा रही है। इस जांच में यह पता किया जा रहा है कि कहीं यहां सप्लाई वाले पानी में भी डेंगू नहीं है। बीते दो दिनों से अलग -अलग घरों से इसका सैंपल लिया गया है। यदि इसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया तो यह महामारी की स्थिति को इंगित करेगा।

गंदा पानी भी डेंगू का खतरा

आम तौर पर डेंगू मच्छरों का ब्रीडिंग ग्राउंड साफ पानी माना जाता है। लेकिन हाल के दिनों में जिस गति से नए मामले सामने आ रहे हैं, वह अलार्मिग हैं। पीएमसीएच के माइक्रोबायलाजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ एसएन सिंह ने बताया कि इन दिनों जहां भी जलजमाव है, अलग- अलग इलाकों में, वे सभी डेंगू के मच्छरों के लिए ब्रीडिंग ग्राउंड बन गये हैं। इसके अलावा जो लोग अपार्टमेंट में रहते हैं वे भी वहां से भी मामले आते हैं। इसका कारण है उपरी तल्ले पर भी जलजमाव गमलों, कंटेनर, टायर आदि में होना। जबकि पहले ऐसा माना जाता था कि डेंगू के मच्छर अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में सक्रिय नहीं होते है। लेकिन यदि वहां भी जलजमाव हो तो यह डेंगू का खतरा होता है।

लगभग 50 प्रतिशत केसेज डेंगू

डेंगू का डंक किस प्रकार से अपना पांव पसार रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएमसीएच में हर दस में से चार से पांच मामले डेंगू के पॉजिटिव पाये जा रहे हैं। इसके अलावा चिकनगुनिया के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

एक व्यक्ति अधिकतम पांच बार डेंगू से हो सकता है पीडि़त

अब डेंगू का आतंक ज्यादा प्रभावशाली हो गया है। पहले जहां एक व्यक्ति अधिकतम चार अलग-अलग प्रकार के डेंगू से पीडि़त होता था। लेकिन इन दिनों डेंगू के पांचवे प्रकार की चर्चा हो रही है। डॉ एसएन सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए डेंगू के रीपीटेड केस मिलने की बात कही।

दो सगे भाई पीडि़त

पीएमसीएच में कुछ दिनों पहले ही बोरिंग रोड निवासी आकाश का इलाज किया गया था। वह जैसे ही ठीक हुआ। उसके छोटे भाई कुणाल को भी डेंगू हो गया। कुणाल के चाचा हरिश कुमार सिंह ने बताया कि उसे एक अक्टूबर को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। उम्मीद थी वह ठीक हो जाएगा, लेकिन उसका फीवर अचानक से बढ़ जा रहा है। इसलिए छुट्टी नहीं मिल रही है। वहीं, डॉक्टरों ने जलजमाव वाले इलाके के लोगों को अलर्ट किया है। इसी प्रकार, अन्य केसेज में भी एक ही परिवार के एक से अधिक केस मिलने के मामले हैं।

पीएमसीएच, एनएमसीएच में आज से जांच कैंप

पीएमसीएच के माइक्रोबायोलाजी डिपार्टमेंट कैंपस में नि: शुल्क डेंगू एवं चिकनगुनिया जांच शिविर का आयोजन किया गया है। इस बारे में माइक्रोबायोलाजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि यहां लगातार डेंगू, चिकनगुनिया के पेशेंट की जांच की जा रही है। यह नि: शुल्क कैंप 10, 11 और 12 अक्टूबर तक आयोजित किया गया है। एनएमसीएच में भी यह शिविर 10, 11 और 12 अक्टूबर को लगाया जाएगा।