विदेश में रह रहे भारतीय अपने देश में भारी धनवर्षा करते नजर आ रहे हैं. तभी तो परदेसियों की ओर से अपने घर भेजी जाने वाली रकम हर साल बढ़ती जा रही है. इस साल भारत के लोग विश्व में सबसे अधिक 58 अरब डॉलर की राशि स्वदेश भेजेंगे. बीते साल यह आंकड़ा 56 अरब डॉलर था. विकासशील देशों के लोग 351 अरब डॉलर की रकम घर भेजेंगे. दुनिया भर में इस तरह पैसा भेजने (जिसे रेमिटेंस भी कहते हैं) का आंकड़ा 406 अरब डॉलर के आसपास रहने के आसार हैं. वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट में ये अनुमान लगाए गए हैं.

वर्ल्ड बैंक ने ‘माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ’ नाम से यह रिपोर्ट गुरुवार को जारी की. इसमें कहा गया है कि चीन को विदेश में बसे अपने लोगों से 57 अरब डॉलर मिलेंगे. मेक्सिको को 24 और फिलीपींस को 23 अरब डॉलर मिलने की पासिबिलिटी है. अमीर देशों सहित दुनियाभर के देशों को अपने लोगों से वर्ष 2010 में 440 अरब डॉलर की रकम मिली थी. इस तरह देखा जाए तो साल 2011 में विदेश से आने वाला यह पैसा बीते साल से कम होगा.

विश्व के छह विकासशील क्षेत्रों में सबसे ज्यादा रेमिटेंस में वृद्धि (11 फीसदी) के आसार पूर्वी यूरोप के लिए हैं. इसके बाद दक्षिण एशिया का नंबर आता है, जहां विदेश से धन आने की रफ्तार 10.1 फीसदी रहेगी. विदेश में बसे अपने लोगों से धन प्राप्त करने वाले अन्य प्रमुख देशों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नाइजीरिया, वियतनाम, मिस्र और लेबनान शामिल हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक मंदी के चलते ऊंची आय वाले देशों में पलायन कर जा बसे कुछ कर्मचारियों के लिए रोजगार की संभावना घट रही है. इसके बावजूद ग्लोबल रेमिटेंस में तेजी बरकरार रहेगी. इसके वर्ष 2014 तक इसके 515 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है. इस राशि में से 441 अरब डॉलर विकासशील देशों के हिस्से में आएगा. वर्ल्ड बैंक के डाइरेक्टर हैंस टिमर ने कहा, ‘ग्लोबल आर्थिक संकट के बावजूद विकासशील देशों को धन के प्रवाह पर असर नहीं पड़ेगा। वर्ष 2011 में इसमें आठ प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।’

क्यों बढ़ेगी रफ्तार

कच्चे तेल के ऊंचे दामों के चलते खाड़ी के मुल्कों में रह रहे भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों के लोगों के लिए वहां के रोजगार बाजार में तेजी बरकरार है. इसलिए ये परदेसी पहले से कहीं ज्यादा धन अपने घर भेज पाएंगे. इसके अलावा दूसरी करेंसी के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने भी उन्हें ज्यादा धन भेजने के लिए प्रेरित किया है. फिलहाल भारतीय करेंसी की विनिमय दर 52 रुपये प्रति डॉलर के आसपास है. कुछ महीने पहले दर प्रति डॉलर 45 रुपये के करीब थी. यानी अब परदेसियों के घर वालों को ज्यादा रकम मिलेगी.

कहां आएगी कितनी रकम

भारत-  58 अरब डॉलर

चीन- 57 अरब डॉलर

मेक्सिको- 24 अरब डॉलर

फिलीपींस- 23 अरब डॉलर

Total:  406 अरब डॉलर

 

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