मोबाइल का होगा साया
एक स्टडी के अनुसार दुनिया में मोबाइल फोन की संख्या इस साल के आखिरी तक मानव आबादी से अधिक हो जायेगी. रिपोर्ट का कहना है कि साल 2014 के अंत तक दुनियाभर में मोबाइल फोनों की संख्या बढ़कर 7.3 अरब हो जायेगी. आपको बता दें कि इस समय पूरी दुनिया में मानव आबादी लगभग 7 अरब के आस-पास है. अब ऐसे में मोबाइल फोन के लगातार बढ़ते उपयोग से इनकी संख्या बढ़ना स्वाभाविक है. अगर गौर से ध्यान दिया जाये तो इसके पीछे सबसे बड़ा रीजन यह है कि आज 1 व्यक्ति एक से अधिक हैंडसेट रखता है.

मौजूदा संख्या 6 अरब

सिलिकन इंडिया के अनुसार इंटरनेशनल टेलिकम्यूनिकेशन यूनियन की स्टडी में यह रिजल्ट निकला है. इसके अनुसार मोबाइल फोन की संख्या मौजूदा 6 अरब से बढ़कर 2014 में 7.3 अरब हो जायेगी. जबकि वैश्विक जनसंख्या 7 अरब होगी. इंटरनेशनल मोबाइल टॉपअप प्रदाता डिंग के सीईओ मार्क रोडेन ने कहा कि मोबाइल फोन दुनिया के अनेक निर्धनतम हिस्सों में व्यापक सुधार ला सकता है.

विकासशील देशों के लिये बेहतर
मार्क रोडेन का मानना है कि मोबाइल फोन की इस तरह से बढ़ती संख्या से जो विकासशील देश हैं, उनको काफी लाभ भी मिलेगा. उनके अनुसार विकासशील देशों में मोबाइल फोन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जहां जनसंचार की सुविधाओं की तंगी है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मोबाइल के जरिये हर साल 400 अरब डॉलर का मनी ट्रांसफर हो रहा है, यह मनी ट्रांसफर का एक सरल, तेज और सुरक्षित विकल्प है. आपको बता दें कि दुनिया के 100 देश ऐसे हैं, जहां उनकी जनसंख्या के मुकाबले दोगुने सेलफोन हैं. इसके अलावा रूस, ब्राजील में उनकी जनसंख्या के मुकाबले अधिक मोबाइल फोन हैं.

 

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