अरब सागर तक सीधी पहुंच

पाकिस्तान और चीन के बीच एक बड़ा समझौता कल हो गया है। कल दोनों देशों ने अपनी महत्वाकांक्षी आर्थिक गलियारा परियोजना की शुरुआत कर दी है। इन की यह परियोजना करीब 46 अरब डॉलर की है। दोनों देशों के बीच इस जमीन के मामले में कल गुरुवार को हस्ताक्षर आदि हो गए है। जिसमें पाकिस्तान ने ग्वादर बंदरगाह के पास सामरिक महत्व की 2000 एकड़ जमीन चीन को दी है। चीन की एक कंपनी ने इस समझौते में भागीदारी की है। ऐसे में चीन ग्वादर बंदरगाह परियोजना पर 1.62 अरब डॉलर खर्च करने की तैयारी में है। इसमें हार्बर से कोस्टलाइन तक एक्सप्रेस-वे, रेल लिंक तथा नौ और परियोजनाएं शामिल है। इन परियोजनाओं को 3 साल में पूरी होने के बाद चीन की अरब सागर तक सीधी पहुंच हो जायेगी।

भारत हमेशा विरोध में रहा

इस परियोजना के संबंध में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेइ का कहना है कि यह दोनों देशों के बीच एक अनोखी पहल है। इससे दोनों देशों के आपसी संबंधों में सुधार होने के साथ आर्थिक दिशा में भी विकास होगा। बताते चलें कि भारत लगातार चीन और पाकिस्तान के इस आर्थिक गलियारे का विरोध करता आ रहा है। फिर ये दोनों देशों ने इस पूरा कर लिया। भारत के विरोध की वजह यह है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। जब कि चीन अशांत बलूचिस्तान में अरब सागर के तट पर इस बंदरगाह का विकास करेगा। जो कि ठीक नहीं है। चीन यहां पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक फ्री-ट्रेड एरिया, एक मैरीटाइम सर्विस कंपनी का निर्माण होगा।

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