- डीजे आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने बस में बैठकर किया रियालिटी चेक

- पूरे दिन में 273 किमी चली बस लेकिन मिले सिर्फ 3 पैसेंजर्स

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LUCKNOW:

इलेक्ट्रिक सिटी बस जिस रूट से गुजरी लोगों ने इसे ध्यान से देखा लेकिन इसमें चढ़ने की हिम्मत नहीं दिखाई. लोगों को पता ही नहीं है कि यह बसें उनकी सुविधा के लिए शहर में लाई गई हैं. कई जगहों पर कंडक्टर ने यात्रियों को आवाज भी लगाई लेकिन लोग प्राइवेट बस समझकर इसमें नहीं बैठे. ये सब चीजें डीजे आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने अपनी आंखों से इस बस में बैठकर देखीं.

आलमबाग से चलेंगी बसें

इन बसों का संचालन आलमबाग बस डिपो से जनेश्वर मिश्र पार्क तक किया जा रहा है. जब यह बस आलमबाग बस टर्मिनल से निकली तो इसमें सिर्फ स्टाफ के दो लोग मौजूद थे. हवा से बातें करते यह बस चारबाग मेट्रो स्टेशन पहुंची लेकिन वहां से एक भी पैसेंजर इसमें नहीं चढ़ा. कंडक्टर सत्यवीर ने ड्राइवर दिलीप को आवाज देकर बस का दरवाजा खुलवाया और यात्रियों को हुसडि़या और हजरतगंज चलने के लिए कई आवाजें लगाई, लेकिन यहां से सिर्फ एक ही यात्री बस में सवार हुआ.

जाम में फंसी बस

यहां से चलने के बाद जब बस पीसीएफ बिल्डिंग के सामने पहुंची तो जाम में फंस गई. ऐसे में ड्राइवर कंडक्टर की ओर देखकर बोला एसी का कमाल है कि गर्मी पता ही नहीं चल रही है. साधारण बस में तो अब तक दो लीटर पसीना बह गया होता. यहां से चलकर बस जब हजरतगंज चौराहे पहुंची तो रेड सिग्नल होने से उसे यहां भी काफी देर रुकना पड़ा.

यहां भी नहीं मिले पैसेंजर्स

इसके बाद यह बस सिकंदरबाग होते हुए डॉलीबाग पहुंची. वहां भी इसे एक भी यात्री नहीं मिला. जबकि रास्ते भर कंडक्टर पैसेंजर्स को आवाज देकर बुलाता रहा. लोहिया पार्क, सीएमएस से लेकर जनेश्वर मिश्र पार्क तक इस इसी तरह चलती रही. बस के कंडक्टर ने हमारे रिपोर्टर को बताया कि सुबह 6 बजे से वे 273 किमी का सफर कर चुके हैं लेकिन अभी तक इस इलेक्ट्रिक बस में सिर्फ 3 पैसेंजर्स ने ही सफर िकया है.

आज इनके संचालन का पहला दिन है. जो कमियां आ रही हैं, उन्हें जल्द दूर किया जाएगा. यात्रियों को जब इसकी खूबियां पता चलेंगी तो वे इसमें सफर करना शुरू कर देंगे.

आरिफ सकलेन

एमडी, सिटी बस प्रबंधन

इसलिए नहीं मिल रहे पैसेंजर्स

- कलर अलग होने से लोग इन्हें प्राइवेट बस समझ रहे हैं.

- डिस्प्ले बोर्ड पर रूट शो न होने से पता नहीं चल रहा कि कौन बस किस रूट पर जाएगी.

- बसों में न सिटी बस लिखा है और ना ही किराया सूची लगी है.

- इन बसों के दरवाजे हमेशा बंद रहते हैं. जिससे लोग इससे दूरी बनाए हैं.

- बस के दरवाजे खुले होने पर यह आगे नहीं बढ़ती, जिससे लोग समझते हैं कि यह बस यहीं खड़ी रहेगी.

एक नहीं कई खूबियां

32 सीटर बस में 60 लोग कर सकते हैं सफर

बस को रोकने के लिए अंदर लगे हैं बटन

हर सीट के ऊपर एक पैनिक बटन भी लगा है

बस के सामने लगे शीशे में दिखती है अंदर की तस्वीर

फुल चार्ज होने पर करती है 200 किमी का सफर

ज्यादा किराया कर रहा दूर

सिटी बस के कंडक्टर ने बताया कि अन्य बसों का मिनिमम किराया 5 रुपए है, वहीं इसका 10 रुपए है. सीएनजी सिटी बस से चारबाग से हजरतगंज जाने में 5 रुपए लगते हैं, वहीं इलेक्ट्रिक बस में इसके लिए 15 रुपए देने पड़ते हैं. ऐसे में इलेक्ट्रिक बस में वही सफर करेंगे जिन्हें इस गर्मी में राहत चाहिए.

कूलिंग पर पड़ रहा असर

इलेक्ट्रिक बसों का रास्ते में बार-बार दरवाजा खोलने से इनमें कूलिंग कम हो रही है. इसके लिए ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि लोग जगह-जगह हाथ देकर इसे न रुकवाएं. इनके जगह-जगह रुकने से जाम की स्थिति भी बन रही है.

इलेक्ट्रिक बस का किराया एक नजर में

आलमबाग बस टर्मिनल से

स्थान दूरी किराया

चारबाग 3.7 किमी. 20 रुपए

सिकंदरबाग 6.7 किमी. 25 रुपए

डालीबाग 7.6 किमी. 25 रुपए

लोहिया पार्क 10.8 किमी. 30 रुपए

हुसडि़या 16.4 किमी. 35 रुपए

सीएमएस 19.2 किमी. 40 रुपए

अंबेडकर चौराहा 25.1 किमी. 45 रुपए