सहारा ग्रुप ने 1700 करोड़ में टीम खरीदी थी. मगर उसकी टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. कयास यह लगाए जा रहे हैं कि सहारा ग्रुप फ्रेंचाईजी फीस नहीं जुटा पाया जिस वजह से उसने आईपीएल से अलग होने का डिसीजन लिया होगा. आईपीएल में अभी तक पुणे की टीम घाटें में चल रही थी.

विवादों की वजह से तोड़ा नाता

पुणे वॉरियर्स इंडिया ने आईपीएल छोड़ने के पीछे वजहें गिनाई हैं. पुणे वॉरियर्स ने अपनी स्टेटमेंट में कहा है कि जब सहारा ग्रुप ने टीम खरीदी थी उस समय 94 मैच होने की बात कही गई थी. बाद में मैचों की संख्या घटाकर 64 कर दी गई.

जिस वजह से सहारा ग्रुप बिडिंग अमाउंट कम करने की मांग कर रहा था. इसके अलावा सहारा को हर साल 170 करोड़ रुपए फ्रेंचाईजी टैक्स के रूप में बीसीसीआई को देना होता था.

तीनों सीजन में मिली हार

आईपीएल के सीजन 4 से एंट्री लेने वाली पुणे की टीम की परफॉर्मेंस अभी तक बहुत ही खराब रही थी. पुणे वॉरियर्स इंडिया ने सन 2011 में आईपीएल में टीम खरीदी थी. जिसकी कैप्टेंसी युवराज सिंह को सौंपी गई थी. मगर अपने पहले सीजन में टीम 9वें नंबर पर रही. आईपीएल के इस सीजन 4 में 10 टीमें खेलीं थी.

इसके बाद आईपीएल के पांचवें सीजन में पुणे वॉरियर्स इंडिया ने बीसीसीआई से विवादों की वजह से आईपीएल से अलग होने की घोषणा कर दी थी. इतना ही नहीं सहारा ने टीम इंडिया की स्पांसरशिप भी छोड़ने की घोषणा कर दी थी. मगर बीसीसीआई ने सहारा की कुछ शर्तें मान ली थीं जिसके बाद पुणे की टीम आईपीएल के 5वें सीजन में दिखी थी.

5वें सीजन में टीम की कैप्टेंसी सौरव गांगुली को सौंपी गई. मगर टीम इस सीजन में भी कुछ कमाल नहीं कर पाई. 9 टीमों की इस लीग में पुणे वॉरियर्स की टीम सबसे लास्ट नंबर 9वें पर रही थी.

इसके बाद इस सीजन आईपीएल6 में भी पुणे वॉरियर्स की टीम ने पूरी तरह से निराश किया. युवराज सिंह ने इस सीजन में कैंसर के बाद वापसी की. मगर युवी और पुणे वॉरियर्स इंडिया की टीम का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा. इस सीजन में भी पुणे की टीम 8वें नंबर पर रही.

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