ली जा रही है टेक्निकल हेल्प

रेल राज्यमंत्री ने बताया कि हाई स्पीड ट्रेन्स को चलाने के लिए कई ट्रैक संतोष जनक नहीं हैं। इसके लिए फॉरेन से टेक्निकल हेल्प ली जा रही है। हालांकि इसके लिए बड़े फंड की आवश्यकता है। एक किमी हाई स्पीड कॉरीडोर रेल ट्रैक बनाने के लिए 100 करोड़ खर्च होते हैं। पूरे देश में लगभग तीन दर्जन हाई स्पीड कॉरीडोर बनाए जाने हैं। फस्र्ट फेज में इसे मुम्बई-अहमदाबाद के बीच बनाया जाएगा।

डिवाइस की हो रही तलाश

चौधरी ने बताया कि एक्सिडेंट रोकने के लिए ट्रेन्स में लगाए गए सिक्योरिटी इक्वीपमेंट सटीक नहीं कहे जा सकते। इसलिए अब रेलवे दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नए डिवाइस की तलाश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रेन्स में छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए जीआरपी व आरपीएफ की जॉइंट पहल पर काम चल रहा है। दोनों फोर्सेज में तालमेल बैठाना होगा। हालांकि छेड़खानी रोकने के लिए सोसाइटी को भी अपना रोल निभाना होगा।

 

प्रदेश भी करें help  

रेल राज्यमंत्री ने एक्सेप्ट किया कि स्टेशन्स पर पब्लिक एमेनटीज की कमी है। यहां खानपान की व्यवस्था से लेकर अन्य सुविधाएं तक संतोषजनक नहीं है। इसके लिए ठोस पहल की आवश्यकता है। कहा कि रेलवे करोड़ों के घाटे में चल रहा है। उसके डेवलपमेंट के लिए राज्यों को भी अपनी आर्थिक सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। मुगलसराय-लखनऊ वाया वाराणसी इलेक्ट्रिक टे्रन दौड़ाने से जुड़े सवाल पर वहां मौजूद नार्दन  रेलवे के एडीआरएम आरके लाल ने बताया कि किसी भी समय इस रूट पर टे्रन का ऑपरेशन किया जा सकता है।

BHU भी गये मंत्री

रेल राज्यमंत्री अपने दौरे के दौरान बीएचयू भी गये। वहां उन्होंने विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। बीएचयू में उनका वेलकम रजिस्ट्रार प्रो। जीएस यादव ने किया। इस अवसर पर बीएचयू के प्रो। चंद्रमौली उपाध्याय समेत अनेक टीचर्स व ऑफिसर्स मौजूद थे।