पठानकोट हमले में पाकिस्तानी आतंकियो का हाथ

पठानकोट हमले में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे पास पूर्व में खुफिया सूचना होने की वजह से हमारे सुरक्षाबलों ने अतंकी हमले के खतरे को कम कर दिया था। पठानकोट हमले के बाद सरकार आतंकवाद निरोधक व्यूह रचना की पूर्व समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हमला करने पाकिस्तान से आतंकी आए थे। पड़ोसी मुल्क की सरजमी पर आतंकवाद फल फूल रहा है। ज्यादातर आतंकी हमले पाकिस्तान की तरफ से होते हैं। पाकिस्तान को अपने ही देश में चल रहें आतंकी संगठनो के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकी सगठनो के खिलाफ कार्रवई करता है तो भारत उसके साथ्ज्ञ खड़ा होगा।

इंटरनेट सहित मॉर्डन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं आतंकी

केंद्रिय गृह मंत्री ने कहा कि आज विश्व परम्परागत आतंकवाद के खिलाफ साइबर टेरेरिज्म नारको टेरेरिज्म बायो टेरेरिज्म का सामना कर रहा है। आतंकी संगठनो द्वारा आधुनिक तकनीकि हथियार एवं संचार माघ्यमों का उपयोग इसे और ज्यादा घातक एवं मारक बना रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद हाईड्रा के सिर जैसा दैत्य है जो विभिन्न माध्यमों से धन की आपूर्ति से अपने पैर पसार रहा है। आपूर्ति के इन माध्यमों पर अंकुश लगाकर आतंकवाद को थोड़ा कमजोर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में आतंकवाद से संबंधित मामलों को सुलझाते समय इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि कोई बेगुनाह इन मामलों में ना फसे और गुनहगार को किसी भी कीमत बर बख्शे नहीं।

भारत में होने वाले हमलों में पाकिस्तान का हाथ

भारत में होने वाले आतंकी हमलों में पाकिस्तान का हाथ होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान को कुछ गंभीरता दिखानी होगी। आतंकी संगठनो पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान की सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने पड़ेगे। आईएसआईएस के संबंध में उन्होंने कहा इंटरनेट की शक्ति का दोहन करके और वैचारिक प्रोत्साहन के जरिए अलकायदा और आईएसआईएस जैसे संगठनो ने आत्मघाती हमलो और बम बनाने के साहित्यों में बाड़ ला दी है। जिससे डू इट योरसेल्फ का खतरा भी पैदा हो गया है। उन्होंने कहा भारत को किसी भी तरह के हमले का सामना करने के लिए सर्तक होना चाहिए।

विश्वव्यापी संकट है आतंकवाद

राज्यपाल कल्याण सिंह ने सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आतंकवाद विश्वव्यापी संकट बन चुका है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की कोई जाति धर्म मत और सम्प्रदाय नहीं होता है। आतंकवाद ऐ ऐसा जहर है जो सम्पूर्ण मानवता को नष्ट करने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा इस जहर को खत्मकर मानव जीवन को सुखी बनाने की जरूरत जताई है। इससे आने वाली पीढि़यो को सुरक्षित समाज मिल सकेगा। राज्यपाल ने कहा कि उच्च मनोबल से लबरेज भारत का युवा वर्ग आतंकवाद से निपटने में सक्षम हैं।

जिन्होंने आतंकी हमला झेला हो वह देश जानता है दर्द

आतंकवाद की समस्या के निराकरण के लिए हम सबको मिलकर मानवता को संरक्षित करने का प्रण लेना होगा। सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में मलेशिया के उप गृह मंत्री दातुक नूर जजलान मोहम्मद ने कहा कि मलेशिया विश्व स्तर पर आतंकवाद से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों में सहयोग के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस दिशा में मलेशिया में लाए गए विभिन्न प्रभावी कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मलेशिया पेरिस, जकार्ता, इस्ताम्बुल और हर उस शहर के साथ खड़ा है जिसने आतंकवाद का दंश झेला है। साथ ही वह भारत के साथ भी कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग देगा।

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