बेंगलुरु (पीटीआई)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की दूसरी एलसीए-तेजस उत्पादन लाइन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज के उद्घाटन से आत्मनिर्भर भारत का हमारा संकल्प पूरा हुआ है। इससे ये संदेश दुनिया के दूसरे देशों तक चला जाएगा कि तकनीक और उत्पादन के क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं और इसके लिए भारत सरकार बहुत गंभीर है।

कई देशों ने तेजस में रुचि दिखाई

भारत अपनी सुरक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता है। 'भारत निर्माण अभियान' के तहत भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आगे बढ़ रहा है। तेजस न केवल स्वदेशी है, बल्कि कई मापदंडों पर अपने विदेशी समकक्षों की तुलना में बेहतर है। खाास बात तो यह है कि तुलनात्मक रूप से सस्ता भी है। कई देशों ने तेजस में रुचि दिखाई है। भारत रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करेगा।

डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होगी

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि 48,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत भारतीय वायु सेना को तेजस एलसीए की डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होगी और एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने हाल ही में कहा कि 83 जेट्स की कुल आपूर्ति के पूरा होने तक लगभग 16 विमान सालाना उतारे जाएंगे।

48,000- करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी

13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति (CCS) ने भारतीय वायु सेना को बढ़ावा देने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 73 तेजस एमके -1 ए वेरिएंट और 10 एलसीए तेजस एमके -1 ट्रेनर विमान खरीदने के लिए 48,000- करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दी।

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