जनकपुर (एएनआई)। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से माता सीता की जन्मभूमि नेपाल के जनकपुर में पर्यटन को गति मिलने की उम्मीद है। यह भी उस रामायण सर्किट का एक हिस्सा बन गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में, श्रीराम और उनकी पत्नी के जन्मस्थान के बीच शटल सेवा को हरी झंडी दिखाई। अयोध्या आने वाले भक्तों के लिए जनकपुर उनके तीर्थस्थान में से एक होगा। इससे नेपाल के लोगों को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे और यहां अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। जनकपुर पहले से ही रामायण सर्किट में शामिल है लेकिन अयोध्या में राम मंदिर के बाद यहां पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी।

भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर बनाया जा रहा

अयोध्या में मंदिर में जाने के बाद लोग माता जानकी के घर जाना पसंद करेंगे। इस संबंध में जनकपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता सुशील कर्ण ने कहा, अयोध्या का राम मंदिर हमारे स्थान के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देगा। दुनिया भर के हिंदुओं के लिए यह गर्व की बात है कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर बनाया जा रहा है। माता सीता भक्ति और गुणों की प्रतीक हैं। वहीं राम मंदिर निर्माण हमारे लिए गर्व की बात है। रामायण के अनुसार, विदेह साम्राज्य के राजा जनक को मिथिला क्षेत्र के एक बाड़े में एक बच्ची मिली, जिसका एक हिस्सा इस समय जनकपुर शहर में है।

जनकपुर के लोग खुद को भगवान राम की ससुराल का मानते

जनकपुर नेपाल की राजधानी काठमांडू से 225 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। राजा जनक ने उसका नाम सीता रखा और उसे अपनी बेटी के रूप में पाला। वहीं राम मंदिर का निर्माण जनकपुर के उन लोगों के लिए खुशी का कारण है, जो अक्सर खुद को भगवान राम की ससुराल का निवासी बताते हैं। हमारी माता जानकी को अब अयोध्या में एक घर मिलेगा क्योंकि वहां मंदिर निर्माण शुरू हो गया है। हम भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम से बेहद खुश हैं। रामायण सर्किट पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकास के लिए पहचाने जाने वाले 15 विषयगत सर्किटों में से एक है।

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