-एनएसआई व निस्टा की ज्वाइंट एनुअल कन्वेंशन का समापन

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KANPUR: इंडिया में ब्राजील या आस्ट्रेलिया से जैसे हार्वेस्टर का यूज नहीं हो सकता है. यहां पर छोटे ट्रैक्टर माउंटेड हार्वेस्टर को डेवलप करने की जरूरत है. ऐसा करने पर आसानी से गन्ने की कटाई की जा सकती है. गन्ने के साथ साथ दलहन व शाक सब्जी की फसलों से किसानों की इनकम अच्छी हो जाएगी. यह विचार एनएसआई व निस्टा की ज्वाइंट एनुअल कन्वेंशन के समापन समारोह में एनएसआई डायरेक्टर प्रो नरेन्द्र मोहन अग्रवाल ने व्यक्त किए.

उत्पादन व मिठास दोनों बढ़ाएं

कन्वेंशन के दूसरे दिन श्रीलंका से आई शुगर केन एक्सपर्ट प्रो एपी कीर्ति काला ने कहा कि गन्ने की पैदावार बढ़ाने के साथ साथ उसमें चीनी का लेवल और बढ़ाया जाए. लो सल्फर की चीनी बनाने में न्यू टेक्नोलॉजी यूज अगर शुगर इंडस्ट््री करेंगी तो उन्हें आर्थिक फायदा मिलेगा. जितना ज्यादा टेक्नोलॉजी का यूज करेंगे उतने ही फायदे में रहेंगे. गन्ने की खेती के साथ किसान 16 प्रकार की फसलें ले सकते हैं. इससे किसानों की माली हालत सुधर जाएगी. इस अवसर पर निस्टा प्रेसीडेंट डॉ.राममूर्ति, मोहित कुमार, ए के श्रीवास्तव, जयदीप राय, एस के भोजराज, डॉ आशुतोष बाजपेई, डॉ. शैलेन्द्र द्विवेदी मौजूद रहे.