वे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री वे पंचम दा और आर. डी. बर्मन नाम से विशेष रूप से चर्चित रहे. आज के दौर में भी यूथ उनके गीतों के दीवाने हैं. अलग अलग सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आज लोग उनकी म्यूजिक और गीत पर चर्चा कर रहे हैं.

पंचम दा,तेरी याद आ रही है

अपने जमाने के महान संगीतकार और गायक सचिन देव बर्मन के बेटे पंचम के गीत हमेशा जीवंत, रंगीले और मजेदार धुनों वाले होते थे. उनके कई गाने आज भी लोगों के दिल को छू लेने की काबिलियत रखते हैं. पंचम दा ने कैरियर की शुरुआत अपने पिता के असिसटेंट के रूप में की थी. नौ साल की उम्र में ही उन्होंने अपना पहला गीत अए मेरी टोपी पलट के आ तैयार किया था, जिसे सचिन देव ने अपनी फिल्म फंटूस में लिया भी था.

पंचम दा,तेरी याद आ रही है

बचपन में ही पंचम दा ने चर्चित गीत सिर जो तेरा चकराए तैयार कर लिया था. यही नहीं बचपन में ही उन्होंने माउथ ऑर्गन से है अपना दिल तो आवारा गीत भी तैयार कर दिया था. इसे बजाने में तो उन्हें मास्टरी हासिल थी. 1961 में फिल्म छोटे नवाब से उन्होंने इंडिपेंडेंट म्यूजिशियन के रूप में अपना कैरियर शुरू किया.

तीन दशकों में ही पंचम दा ने हिंदी सहित बंगाली, तमिल, तेलुगू, उडि़या, और मराठी की लगभग 331 फिल्मों और चार एलबमों के लिए संगीत तैयार किया.

क्या कहते हैं stars

पंचम दा ने भूत बंगला और प्यार का मौसम जैसी फिल्मों में अभिनय भी किया. चार जनवरी 1994 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. मशहूर एक्ट्रैस हेमा मालिनी कहती हैं "पंचम दा का संगीत आज भी स्फूर्तिदायक है. मेरे हिसाब से बर्मन साहब ने फिल्म 'शोले' में 'महबूबा' शीर्षक से जो गाना संगीतबद्ध किया था, वह उनके सबसे अच्छे गानों मे से एक है."

पंचम दा,तेरी याद आ रही है

वहीं आमिर खान कहते हैं, "बर्मन दा ने मेरे पिता ताहिर हुसैन के साथ काफी काम किया था. मैंने जब अपने पिता के साथ सहायक निर्देशक के तौर पर काम किया था तब मुझे पंचम दा के साथ भी काम करने का मौका मिला था. पंचम दा ने जितने गानों के लिए संगीत दिया, वे सभी हिट रहे."

पॉपुलर सिंगर कैलाश खेर ने  पंचम दा को याद करते हुए कहा, "वे सदियों तक आने वाले संगीतकारों को प्रेरित करते रहेंगे. उनका संगीत वक्त से काफी आगे था. वह अपने संगीत के माध्यम से आज भी हमारे बीच जिंदा हैं."

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