-शहर को ट्रैफिक जाम से मुक्त कराने के लिए सरकार की नई कवायद

-मेट्रो के साथ ही विकल्प के रूप में रोप वे के निर्माण को बनेगा डीपीआर

VARANASI

शहर को ट्रैफिक जाम से मुक्त कराने के लिए सरकार एक के बाद एक कवायद कर रही है। एक साल पहले जहां सिटी में मेट्रो ट्रेन चलाने का डीपीआर बना तो वह जमीन पर उतर नहीं पाया। अब सरकार ने बनारस में रोप वे/केबल कार चलाने का डिसीजन लिया है। शासन के निर्देश पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसके सर्वे के लिए कम्पनियों से आफर मांगा था। रोप वे की स्टडी के लिए एक कम्पनी आगे आयी है। वाराणसी में रोप वे बनाने के लिए सर्वे व डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी राइट्स को दी गयी है। राइट्स के हाथ में ही यहां मेट्रो के लिए सर्वे व डीपीआर बनाने का काम भी है।

राइट्स को रिपोर्ट बनाने का जिम्मा

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में पहले मेट्रो चलाने का प्रपोजल तैयार किया गया था। लेकिन सघन आबादी वाला शहर होने के कारण अब यहां मेट्रो के साथ ही सरकार ने रोप वे के लिए भी सर्वे कराने की तैयारी की है। मेट्रो प्रोजेक्ट के डीपीआर बनाने का काम करने वाली रेलवे की राइट्स को ही रोप-वे के लिए सर्वे व डीपीआर को तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। मेट्रो व रोप वे दोनों की स्टडी रिपोर्ट आने के बाद शासन इस पर अंतिम निर्णय लेगा।

रोप-वे पर लागत कम

सिटी में रोप-वे के निर्माण में मेट्रो से कम खर्च आएगा। एक्सपर्ट के मुताबिक स्काई टैक्सी/रोप वे का निर्माण मेट्रो से 10 गुने कम खर्च पर किया जा सकता है। इसमें बहुत तोड़फोड़ भी नहीं करना होगा। खास बात यह है कि बनारस जैसे घनी आबादी वाले शहर के लिए इसे मुफीद माना जा रहा है। यही वजह है कि शासन स्तर पर रोप-वे बनाने की बात चल रही है।