सेवा का महत्व नहीं रह जाता
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कल भरतपुर के गांव बजहेरा में एक एनजीओ ‘अपना घर’ के समारोह में गए थे. वहां पर उन्होंने एक महिला सदन और शिशु बाल गृह का उद्घाटन भी किया. इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा की सेवा अच्छी रही होगी. परंतु, इसमें एक उद्देश्य जिसकी सेवा की जा रही है, उसका ईसाई धर्म में धर्मातरण कराना था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मदर टेरेसा यह सब सेवा नाम पर करती है तो सेवा का महत्व नहीं रह जाता है. जब कि एनजीओ ‘अपना घर’ का एक लक्ष्य है सिर्फ गरीबों की सेवा करना. इसका पीछे इसका कोई दूसरा उद्देश्य नहीं है. मदर टेरेसा के इस बयान पर कई लोगों ने नाराजगी जताई है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कम से कम मदर टेरेसा को तो छोड़ दीजिए. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मदर टेरेसा पवित्र आत्मा थीं उन्हें बख्श दिया जाए. इसके अलावा कांग्रेस नेता दिग्िवजय सिंह ने भी इस बयान की घोर निंदा की है.

 

 

 

 

संघ्ा परिवार ने भी किया समर्थन
इनके सबके अलावा इस बयान का विरोध तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने भी किया. उन्होंने भागवत की इन टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि मदर टेरेसा केवल ईसाइयत के बारे में नहीं हैं बल्कि एक वैश्विक हस्ती हैं. जिनसे दुनिया के हर धर्म के लोग प्यार करते है. वहीं अपने इस विवादित बयान पर अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इससे इंकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह मीडिया ने मेरे बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया है. संघ्ा परिवार ने भी उनका समर्थन किया है. कहा कि मोहन भागवत ने तो  केवल पूर्व बीएसएफ डीजी की टिप्पणियों का जवाब दिया था.

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