इस तरह की अटकलें दो महीने पहले कुछ राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भी लगाई जा रही थीं लेकिन बाद में इनका खंडन किया गया.

एक बात तय है कि देशभर में सचिन की लोकप्रियता का हर पार्टी फ़ायदा उठाना चाहेगी. उनकी छवि भी साफ़ सुथरी है और वो किसी भी पार्टी या राजनेता की चुनावी मुहिम के लिए बड़ी ख़बर होंगे.

सचिन के जीवनीकार वैभव पुरंदरे भी कहते हैं कि अगर सचिन सियासत में कूदे तो उन्हें आश्चर्य कोई नहीं होगा क्योंकि पिछले साल राज्यसभा का सदस्य बनने के बाद से वो एक सार्वजनिक जीवन बिता रहे हैं.

वो कहते हैं, "मुझे लगता है कि सचिन किसी पार्टी के बजाय किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार करना अधिक पसंद करेंगे. वो उसी उम्मीदवार को सपोर्ट करना चाहेंगे जिनका स्पोर्ट्स से गहरा लगाव होगा."

राजनीति से दूरी

"सचिन तेंदुलकर किसी पार्टी के बजाए किसी उमीदवार के लिए प्रचार करना अधिक पसंद करेंगे. वो उसी उमीदवार को सपोर्ट करना चाहेंगे जिनका स्पोर्ट्स से गहरा लगाव होगा."

-वैभव पुरंदरे, सचिन के जीवनीकार

पुरंदरे के मुताबिक़  सचिन को वो जितना जानते हैं उसके हिसाब से कह सकते हैं कि वो किसी एक पार्टी के प्रचार के लिए अपनी सहमति नहीं देंगे. लेकिन अगर वो किसी पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए राजी होते हैं तो संभव है कि वो कांग्रेस हो.

पिछले साल  कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने उन्हें राज्यसभा में जगह दिलाई थी और अब कांग्रेस को आशा होगी कि वो पार्टी के लिए प्रचार करें.

सचिन की तरफ़ से अब तक कोई बयान नहीं आया है. क्या वो राजनीति में औपचारिक रूप से शामिल हो रहे हैं, इसका किसी को नहीं पता.

लेकिन क्रिकेट लेखक आशीष शुक्ल के अनुसार सचिन किसी भी पार्टी के लिए चुनावी मुहिम में शामिल नहीं होंगे.

वो कहते हैं, "मैं उन्हें सालों से जानता हूँ. वो राजनीति से काफ़ी दूर रहते हैं. वो राज्यसभा के सदस्य ज़रूर हैं जिसके लिए वो कांग्रेस के आभारी होंगे लेकिन वो इसके बावजूद चुनावी मुहिम से दूर रहेंगे."

आशीष का कहना है कि सचिन को सियासत से दूर रहना चाहिए. उन्हें 'भारत रत्न' मिल चुका है और वो देश भर के चहेते हैं इसलिए उन्हें राजनीति से दूर ही रहना चाहिए.

सेलिब्रिटीज़ से प्रचार

क्या चुनाव प्रचार में कूदेंगे 'भारत रत्न' सचिन?पिछले साल सचिन क्रिकेट को अलविदा कहा था.

ये ज़रूर साफ़ है कि सचिन एक ऐसी हस्ती के मालिक हैं जिन्होंने कभी सक्रिय राजनीति में भाग नहीं लिया और न कभी इसमें रुचि दिखाई.

हाँ ये ज़रूर है कि उन्हें हर पार्टी या उम्मीदवार चुनाव प्रचार में शामिल करने की कोशिश करेगी.

भारत में चुनाव प्रचार के दौरान फ़िल्मी हस्तियों और सेलिब्रिटीज़ को प्रचार के लिए इस्तेमाल करना आम बात है.

क्रिकेटरों को चुनावी मैदान में भी उतारा जाता रहा है. पूर्व कप्तान  मोहम्मद अज़हरुद्दीन पिछले चुनाव में कांग्रेस की तरफ़ से लोकसभा चुनाव जीते थे जबकि कीर्ति आज़ाद और नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर संसद पहुँचे थे.

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