र्सोसेज से मिली जानकारी पर बिलीव करें तो अडानी ग्रुप की आस्ट्रेलिया में अपना कोल प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए दी गयी लोन एप्लीकेशन को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रिजेक्ट कर सकता है. बीते साल इस संबंध में दोनों के बीच एक करार पर हस्ताक्षर हुए थे. फिलहाल समाचार एजेंसी पीटीआइ ने बैंक की चेयरपर्सन अरुंधती भट्टाचार्य के हवाले से बताया है कि ये बातें निराधार हैं.
सूत्रों की मानें तो देश के सबसे बड़े बैंक ने अब तक अडानी को इंटीनल डिसीजन का ऑफीशियल नोटिस नहीं दिया है. ग्रुप को जल्द ही इसकी सूचना दी जाएगी. नवंबर में हुए प्रारंभिक ऋण करार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे के वक्त हस्ताक्षर हुए थे. तब देश में इस पर खूब हंगामा हुआ था. विपक्ष ने ग्रुप को रिकॉर्ड लोन की तीखी आलोचना की थी. ग्रुप के संस्थापक गौतम अडानी को मोदी का करीबी माना जाता है.
अन्य भारतीय बैंकों की तरह एसबीआइ पर भी फंसे कर्जों को घटाने का दबाव है. हस्ताक्षर किए गए करार पर उसका स्पष्ट कहना था कि यह सिर्फ समझौता ज्ञापन यानी एमओयू है. कर्ज देने का फैसला सोच-समझ कर लिया जाएगा. माना जा रहा है कि अडानी के प्रोजेक्ट को कर्ज देने को लेकर बैंक सहज नहीं है.
जब्त संपत्तियों की करेगा नीलामी
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