भारी विरोध

हाल ही में देश के नए आर्मी चीफ चुने गए जनरल दलबीर सिंह सुहाग की नियुक्ति को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के लिए अब सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया है. लोकसभा चुनाव 2014 के रिजल्ट आने से मात्र तीन दिन पहले ही 13 मई को यूपीए-2 सरकार ने उन्हें देश के आर्मी चीफ के पद पर नियुक्त किया. सुहाग की नियुक्ति को लेकर बीजेपी ने भारी विरोध किया था. हालांकि अभी देश के मौजूदा आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह है और उनके अगस्त में रिटायर हो जाने के बाद सुहाग ये पद संभालेंगे.

अंतिम फैसला

जनरल दलबीर सिंह सुहाग के आर्मी चीफ की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने ने की है. उनका कहना है कि नए आर्मी चीफ का चयन फेयर तरीके से नहीं किया गया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है और अगले महीने से इस याचिका पर सुनवाई करेगा. वहीं मोदी सरकार और देश के डिफेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कुछ दिनों पहले कहा था कि अगले आर्मी चीफ के पद पर लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग की नियुक्ति का फैसला फाइनल है और सैन्य बलों से जुड़े मुद्दों को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए.

प्रतिबंध

फॉर्मर आर्मी चीफ और देश के विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह और दलबीर सिंह सुहाग के बीच में मतभेद पहले से थे. वीके सिंह ने आर्मी चीफ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग पर अपनी खुफिया इकाई पर 'कमान एवं नियंत्रण रखने' में फेल रहने के लिए अनुशासन एवं सतर्कता प्रतिबंध लगा दिए थे. हालांकि, बिक्रम सिंह के आर्मी चीफ बनते ही प्रतिबंध हटा लिए गए थे.

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