अल्लाहू अकबर के नारे लगा रहे थे हत्यारे

नजीमुद्दीन समद सरकार संचालित जगन्नाथ यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट में ग्रेजुएशन का छात्र था। बुधवार रात चार हमलावरों ने 28 वर्षीय नजीमुद्दीन समद के सिर पर मीट काटने वाले चाकू से अटैक किया। फिर पास से गोली मारकर हत्या कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि समद की हत्या करते समय हमलावरों ने अल्लाहू अकबर के नारे लगाए। छात्र फेसबुक पर ऐंटी इस्लाम कॉमेंट लिखा करता था। रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम बहुल देश में धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों और कार्यकर्ताओं पर हमलों की कड़ी में यह सबसे ताजा घटना है।

ऐसे दिया नजीमुद्दीन की हत्या को अंजाम

तीन हमलावरों ने नजीमुद्दीन पर बहादुर शाह पार्क के नजदीक उस समय हमला किया जब वह यूनिवर्सिटी में अपनी कक्षाएं पूरी करने के बाद एक अन्य युवक के साथ गेंदारिया स्थित अपने घर जा रहा था।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नजीमुद्दीन के साथ जा रहा युवक घटना के बाद से लापता है। अधिकारी ने कहा उन्होंने शुरू में उस पर धारदार हथियारों से हमला किया और फिर उसकी मौत सुनिश्चित करने के लिए गोलियां चलाईं।

हत्या से पहले जताई थी देश की कानून व्यवस्था पर चिंता

सिलहट निवासी नजीमुद्दीन बंगबंधु जातीय युवा परिषद की सिलहट जिला इकाई का सदस्य था। वह जनजागरण मंच की सिलहट इकाई का कार्यकर्ता भी था। उसके मित्रों ने कहा कि नजीमुद्दीन फेसबुक पर धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रचार करता था। वह कट्टरपंथी इस्लामियों का आलोचक था। हत्या से एक दिन पहले उसने एक फेसबुक पोस्ट में देश की कानून व्यवस्था को लेकर चिंता जताई थी। सुत्रापुर मंडल के सहायक आयुक्त नूरूल अमीन बताया कि पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने उसका खून से लथपथ शव बरामद किया। हमलावर नजीमुद्दीन की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रख रहे थे।

दो महीने पहले लिया था यूनिवर्सिटी में दाखिला

यूनिवर्सिटी के प्रोक्टर नूर मोहम्मद ने कहा कि नजीमुद्दीन ने दो महीने पहले यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था। उन्होंने कहा हमने उसके परिवार को उसकी हत्या के बारे में सूचित कर दिया है और उसके बारे में विस्तृत सूचना जुटा रहे हैं। बांग्लादेश में पिछले छह महीने से अधिक समय से सुनियोजित तरीके से हमले हो रहे हैं जिनमें खासकर अल्पसंख्यकों, धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों और विदेशियों को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले महीने कुरिग्राम में 65 वर्षीय एक धर्मांतरित ईसाई की मोटरसाइकिल सवार तीन अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी।

इस्लामिक स्टेट ने ली हत्याओं की जिम्मेदारी

बांग्लादेश में जन्मे एक अमेरिकी ब्लॉगर एवं विज्ञान लेखक अविजीत रॉय (42) पर ढाका में एक पुस्तक मेले से कुछ ही दूरी पर हमला किया गया था। एक महीने बाद ढाका के तेजगांव क्षेत्र में दिनदहाड़े ब्लॉगर वशीकुर रहमान (27) की उसके घर के पास हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बैंकर एवं साइंस एंड रैशनलिस्ट काउंसिल के एक संस्थापक अनंत बिजॉय दास निलॉय चक्रवर्ती (40) जो ऑनलाइन निलॉय नील के नाम से लिखते थे तथा प्रकाशक फैसल अरेफिरन दीपान (43) को हमलावरों ने निशाना बनाया। इस्लामिक स्टेट ने सुन्नी बहुल बांग्लादेश में हुए सिलसिलेवार हमलों की जिम्मेदारी ली है।

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