मुंबई के शक्ति मिल गैंगरेप मामले में मुंबई की सत्र अदालत ने चारों अभियुक्तों को दोषी क़रार दिया है. अदालत में फ़ैसले के समय महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर आर पाटिल भी वहां मौजूद थे.

इस मामले के पांच अभियुक्तों में से चारों अभियुक्तों क़ासिम, विजय, सालिम और अशफ़ाक़ को अदालत ने बलात्कार करने का दोषी पाया.

बलात्कार का पाचवां अभियुक्त एक नाबालिग़ था जिस पर अलग से मामला चल रहा है.

मुंबई के शक्ति मिल के पास 22 अगस्त 2013 को इन चार लोगों ने एक पत्रिका के 22 वर्षीय महिला पत्रकार का बलात्कार किया था जब वह अपने एक पुरूष सहकर्मी के साथ एक असाइनमेंट पर गई थी.

इन पांचों पर बलात्कार, षडयंत्र रचने, सामूहिक रूप से साज़िश रचने, अप्राकृतिक सेक्स, और सूचना टेक्नॉलॉजी एक्ट के अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया था.

एक अन्य मामला 31जुलाई 2013 को 18 वर्षीय एक टेलीफ़ोन ऑपरेटर के बलात्कार का है जिसमें इसमें से तीन अभियुक्त शामिल थे.

शुक्रवार को सज़ा

फ़ैसले पर गृहमंत्री आर आर पाटिल ने कहा, "महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश के लिए ये एक महत्तपूर्ण मुक़दमा था. और उसका फ़ैसला आ गया है. इस घटना के बाद बहुत सारे उपाय महिला सुरक्षा के लिए मुंबई पुलिस की तरफ़ से और महाराष्ट्र पुलिस की तरफ़ से किए गए हैं. मेरा विनम्र दावा है कि देश के सारे बड़े शहरों के मुक़ाबले मुंबई में हमारी बहनें और महिलाएं सुरक्षित हैं, फिर भी भविष्य में कोई कमी न रहे इसकी पूरी कोशिश की जाएगी. इस फ़ैसले से गुनहगारों को एक संदेश जाएगा कि ऐसी घटना दोबारा ना हो."

सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा, "हमने इन दोनों मामलों में सभी 75 गवाहों से पूछताछ की है. इन दोनों मामलों में तीन अभियुक्त एक ही है. आज हमने अदालत से दरख़्वास्त की है कि मामले को कल तक के लिए स्थगित कर दिया जाए ताकि अभियुक्त पक्ष सज़ा पर अपनी बात रख सके और साथ ही साथ अभियोग पक्ष को भी सज़ा बढ़वाने के लिए धारा 376D के तहत और सबूत देने का मौक़ा मिल सके.''

महिला पत्रकार के बलात्कार के मामले में 44 और टेलीफ़ोन ऑपरेटर के बलात्कार के मामले में 31 गवाहों की गवाही हुई है.

मुजरिमों को सज़ा दिए जाने के बारे में शुक्रवार को सुनवाई होगी और उम्मीद है कि शुक्रवार को ही उन्हें सज़ा सुना दी जाए.

इन चार मुजरिमों को अधिकतम उम्र क़ैद की सज़ा दी जा सकती है.

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