सुरक्षित नहीं देश की सीमाएं

सामना में छपे लेख में कहा गया है कि देश की सीमा सुरक्षित नहीं है। जिसके चलते देश की आंतरिक सुरक्षा भी धाराशायी हो गई है। पठानकोट एयरबेस में घुस कर आतंकियों का हमला करना इस बात का सुबूत है। लेख में सवाल उठाया गया है कि देश की सुरक्षा का मामला होने के बाद भी सत्ता में बैठे लोग इसको लेकर कितने गंभीर हैं।

इतनी बड़ी फौजी ताकत फिर भी कैसे घुसे आतंकी

शिवसेना ने कहा हजारों सैनिक टैंक पंजाब की पुलिस पठानकोट में है लेकिन फिर भी सिर्फ 6-7 आतंकवादियों ने भारत की फौजी ताकत को खुली चुनौती दी है। देश के रक्षामंत्री प्रधानमंत्री समेत सभी जिम्मेदार लोग इससे सबक लें और सुधार करें। प्रधानमंत्री मोदी 8 दिन पहले खुद लाहौर जाकर पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ की मेहमाननवाजी का लाभ लेकर लौटे हैं। प्रधानमंत्री के लाहौर दौरे को लेकर शिवसेना ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि उस पाकिस्तान पर विश्वास मत करो धोखा होगा। अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा देखो भयंकरा धोखा हो गया। मोदी के देश लौटने के बाद जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला कर दिया। इस हमले में पाकिस्तान का निषेध करना किसी ढोंग से कम नहीं है।

अगर सुधार करना चाहता है तो मौलाना मसूद को सौंप दे

शिवसेना ने सामना में पाकिस्तान को चेताते हुए कहा है कि हिंदुस्तान से अपना रिश्ता सचमुच सुधारना है तो पठानकोट हमले के मास्टरमांइड मौलाना मसूद अजहर को भारत के हवाले कर दे। सामना ने यह भी सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री मोदी के अचानक लाहौर दौरे पर क्या कूटिनीति है। सामना में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को एक करने की कोशिश शुरू की है। पर अब अपने देश की ओर ध्यान देने का समय अगया है। पाकिस्तान के आतंकवादी जब हमारे हवाई बेस पर घुस आए उस समय मदद के लिए पूरी दुनिया नहीं दौड़ी। इतने बड़े पैमाने पर जन हानि तो प्रत्यक्ष युद्घ् में भी नहीं होती है। जितनी कसाब जैसे कुछ आतंकवादी भारत में घुस कर जाते हैं।

बंदूक की गूंज मै वार्ता कैसी वाला मोदी चाहिए

सामना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात करते हुए लेख में कहा है कि जब मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे तब उन्होंने अपने चुनावी भाषणों में कहा था कि बंदूक की गोली की गूंज में वार्ता कैसे हो सकती है। हमे वही नरेन्द्र मोदी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लाहौर दौरे पर सवाल उठाते हुए शिवसेना ने कहा चाय के बदले में पठानकोट में 7 जवान शहीद हो गए। यह वीर जवान क्यों शहीद हुए। यह देश के सामने बड़ा सवाल है। यह शहादत क्यो। जवान शहीद हो रहें है लेकिन देश लड़ रहा है क्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बात का जवाब दें।

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