नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) और अकाली दल ने शनिवार को पाकिस्तान के सबसे पवित्र सिख गुरुद्वारा ननकाना साहिब में एक भीड़ द्वारा पथराव को लेकर पाकिस्तान दूतावास के बाहर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर पाकिस्तान दूतावास के बाहर देश के खिलाफ नारे लगाए और दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की। यह विरोध प्रदर्शन कल शुक्रवार शाम पाकिस्तान के गुरुद्वारा ननकाना साहिब में स्थानीय निवासियों द्वारा पथराव किए जाने के बाद हुआ।

समुदाय के सदस्यों पर हमला बर्दाश्त नहीं

डीएसजीएमसी के अध्यक्ष और अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, हम पूजा स्थल पर और समुदाय के सदस्यों पर हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र है। जिसमें अल्पसंख्यकों और उनके जीवन के लिए चिंता है। पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान खान ने घटना के बाद चुप्पी साध रखी है। उनक मौन अल्पसंख्यकों के खिलाफ इनटाॅलरेंस की वाॅल्यूम को दिखाता है।

गुरुद्वारा साहिब को एक मस्जिद में बदल देंगे

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोहम्मद हसन ने खुले तौर पर घोषणा की है कि वह गुरुद्वारा साहिब को एक मस्जिद में बदल देंगे। वहां से हर सिख को बेदखल कर देंगे, और इसका नाम गुलाम अली मुस्तफा रख देंगे। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिख समिति ने मांग की कि पाकिस्तान सरकार को हसन के परिवार के सदस्यों को सलाखों के पीछे डालना चाहिए, जो सिख समुदाय के खिलाफ क्रूरता के पीछे का मार्गदर्शक है। बता दें कि बीते साल ग्रंथी ज्ञानी भगवान सिंह की बेटी जगजीत कौर का अपहरण कर उसका धर्मांतरण और जबरन निकाह करवा दिया था। इसके बाद से यहां पर तनाव बरकरार है।

ननकाना साहिब के बाहर प्रदर्शन किया

बता दें कि सिख लड़की से निकाह करने वाले मुस्लिम व्यक्ति के परिनजों व करीबियों ने अपनों की गिरफ्तारी के विरोध में ननकाना साहिब के बाहर प्रदर्शन किया। इस दाैरान भीड़ ने गुरुद्वारे पर धावा बोल दिया। कहा जा रहा है कि सिख लड़की जगजीत कौर गुरुद्वारा की पैथी की बेटी थी और उसका अपहरण कर लिया गया था। गुरुद्वारा ननकाना साहिब उस जगह पर बना है जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म हुआ था।

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