देहरादून (एएनआई)।Joshimath Sinking News : उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के हालातों को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ज्यादा अलर्टनेस बढ़ा दी है। जोशीमठ को लगातार भूमि धंसने के मद्देनजर 'सिंकिंग जोन' घोषित किया गया है। पिछले कुछ दिनों में कई घरों और सड़कों में दरार पड़ चुकी है। इसलिए लोगों से लोगों से राहत केंद्रों में जाने को कहा जा रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौजूदा स्थिति का जायजा लेते हुए लोकप्रिय तीर्थ स्थल जोशीमठ भूस्खलन और धंसाव से प्रभावित निवासियों को तत्काल राहत और बचाव सुनिश्चित करते हुए क्षेत्र में चल रहे सभी विकास कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावित स्थानीय लोगों को हर संभव मदद करने और क्षेत्र में सभी विकास कार्यों में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है।

जोशीमठ की 603 इमारतों में दरार

इस बीच, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में घर-घर जाकर राहत केंद्रों में जाने के लिए आग्रह किया। चमोली जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, जोशीमठ शहर की 603 इमारतों में दरारें आ गई हैं। कुल 68 परिवार 'अस्थायी' रूप से विस्थापित हुए हैं। प्राधिकरण ने एक बयान में कहा, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत, होटल माउंट व्यू और मलारी इन को अगले आदेश तक संचालन और आवास के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। निर्माण कार्यों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है।"

सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा

जोशीमठ शहर क्षेत्र के तहत, 1271 की अनुमानित क्षमता के साथ 229 कमरों को अस्थायी रूप से रहने योग्य के रूप में चिन्हित किया गया है। प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 और 34 के तहत जीवन और संपत्ति के जोखिम का आकलन करने के बाद, अत्यधिक भूस्खलन की संभावना वाले और असुरक्षित समझे जाने वाले क्षेत्रों से स्थानीय लोगों को तत्काल खाली करने का भी आदेश दिया है। एक अधिकारी ने कहा, "भूस्खलन से प्रभावित स्थानों की पहचान करने का काम जारी है और कमजोर परिवारों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।"

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