आत्म संकल्प:

सबसे पहले ये मन में सोच लें कि ये छोटी बचत एक जरूरी काम है और इसमें लापरवाही नहीं करनी है। इसे काफी गंभीरता से लेने का खुद से प्लान करें। अगर आप ऐसा करने की ठान लेते हैं तो आपका शुरूआती कदम काफी सफल होगा। 10 से 15 फीसदी की बचत काफी मददगार होती है।

हर महीने बचत:

छोटी बचत में हर दिन कुछ न कुछ बचत करना भी कोई बुरा कदम नहीं है, लेकिन हर महीने भी इसे किया जा सकता है। हससे बचत करने में काफी आराम रहती है। ऐसे में हर महीने जो भी एक निश्चित रकम एक जगह पर बचत के तौर पर रख्ा  दें या जमा कर दें।

खर्च पर कंट्रोल:

इस छोटी बचत में खर्च की भी अहम भूमिका है। ऐसे में खर्च का आकलन बेहद जरूरी है। अगर खर्च का आकलन नहीं होगा तो पता ही नहीं चलेगा कि कौन सा पैसा सही जगह खर्च हो रहा है कौन नहीं। इससे किसी महीने ज्यादा खर्च होने पर छोटी बचत पर प्रभाव पड़ेगा।

खर्च की प्राथमिकता:

हर काम की तरह खर्च की भी प्राथमिकता तय करें। महीनें की शुरूआत में एक सूची बनालें कि आपको किस काम में कितना पैसा खर्च करना है। इससे आप जिस काम में पैसा खर्च करेंगे वह फायदेमंद होगा। इससे आपको बच्चों आदि की पढ़ाई में अचानक जरूरत पर मदद मिलेगी।

एक निश्चित स्थान:

इस छोटी बचत का पैसा उस जगह पर सेव करें जहां पर आपकी नजर हर दिन न पड़ती हो। इसके लिए गोलक आदि भी मददगार हो सकते हैं। गोलक में पैसे रखने पर उससे निकालना आसान नहीं होता है। ऐसे में एक बार यहां पर रखने के बाद खास जरूरत पर ही यहां से निकाला जाएगा।

भविष्य में एकमुश्त रकम:

अगर इस छोटी बचत से 1 साल 2 साल या फिर 5 साल तक लगातार पैसे बचाए गएं हो तो काफी बड़ी रकम हो जाएगी। भविष्य में जब भी आप इस छोटी बचत को अपनी जरूरत के समय निकालेंगे तो यह एक बड़ी राशि के रूप में मिलेगा। इससे आपको काफी राहत और खुशी मिलेगी।

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