- अनाज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 फीसदी बढ़ोतरी का वादा

-2011-12 में राज्य सरकार ने 39 लाख टन गेहूं और 23 लाख टन चावल खरीदने की योजना बनाई है

-किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ करने का वादा

-मुफ्त बिजली देने का वादा

- मुफ्त सिंचाई का वादा

-इंटर पास छात्र-छात्राओं को लैपटॉप और हाईस्कूल पास को टैबलेट देने का वादा

-बेरोजगारों को भत्ता देने का भी भरोसा

लेकिन जनता की आशाओं और उम्मीदों पर खरा उतरना मुलायम सिंह यादव के लिए बड़ी चुनौती है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि जनता से जो वायदे किए गए हैं उन्हें पूरा करने के लिए पैसा आएगा कहां से क्योंकि समाजवादी पार्टी के चुनावी वायदों की कीमत है करीब 66 हजार करोड़ रुपये है.

दूसरी ओर राज्य का राजकोषीय घाटा करीब 19 हजार करोड़ रुपये है. ऐसे में खस्ताहाल अर्थव्यवस्था में समाजवादी पार्टी के लिए वायदा निभाना आसान नहीं होगा. आप भी जरा सोचिए कि नेताजी चुनाव से पहले किए गए वादें को कैसे पूरा करेंगे.

National News inextlive from India News Desk