- राज्य सरकार को दिए अहम निर्देश

- सोनिया के रोड शो में गड़बडि़यों पर नाराजगी

- डीएम, एसपी और सीएमओ की भूमिका घेरे में

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW: वाराणसी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रोड शो के दौरान पनपे हालात पर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानि एसपीजी राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कड़ा रुख अख्तियार करते हुए लेटर पत्र है। अपने बेहद गोपनीय पत्र में एसपीजी प्रमुख ने कहा कि वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान सरकार को तैयारियों को लेकर खास सतर्कता बरतनी चाहिए। खासकर विगत दो अगस्त को सोनिया गांधी के रोड शो के दौरान उनकी तबियत बिगड़ने के बाद जो हालात हुए, ऐसा फिर न हो, इसकी व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित कराई जाए। खासतौर पर जब प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वीवीआईपी मूवमेंट बढ़ना है।

बीपी मशीन तक थी खराब

असल में रोड शो के दौरान सोनिया गांधी की तबियत बिगड़ने पर एसपीजी के हाथ-पांव भी फूल गये थे। आनन-फानन में डाक्टरों को बुलाकर उनका चेकअप कराया गया। एसपीजी निदेशक अरुण कुमार सिंहा ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल को लिखे पत्र में कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि चेकअप के लिए गये डॉक्टरों के पास जो ब्लड प्रेशर नापने की जो मशीन थी, वह काम तक नहीं कर रही थी। वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान सभी जरूरी उपकरणों से लैस एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। किसी भी सूरत में वीवीआईपी मूवमेंट से पहले हुई एडवांस सिक्योरिटी लाइजनिंग (एएसएलल) में अंतिम समय में कोई बदलाव न किया जाए चाहे इसके लिए आयोजक ही क्यों न कह रहे हैं। इस पत्र की प्रतिलिपि डीजीपी जावीद अहमद को भी भेजी गयी है।

डीएम, एसपी, सीएमओ रहें मौजूद

एसपीजी प्रमुख ने वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान जिले के डीएम, एसपी और सीएमओ को भी सतर्क रहने और पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के मुताबिक ही कार्य करने की नसीहत दी है। कहा कि जिले के तीनों वरिष्ठ अधिकारियों का दायित्व है कि वह ऐसे मौकों पर खुद भी अपनी मौजूदगी सुनिश्चित करें ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति के दौरान हालात पर काबू पाया जा सके। साथ ही राजनैतिक दलों को भी 'वर्मा कमीशन' की संस्तुतियों की कॉपी दी जाए ताकि उन्हें भलीभांति पता हो कि उनकी जिम्मेदारियां क्या हैं। किसी भी कंडीशन में एसपीजी की अनुमति के बगैर कार्यक्रम में कोई फेरबदल न किया जाए अन्यथा सिक्योरिटी इश्यू सामने आने पर प्रोग्राम कैंसिल कर दिया जाएगा।

ब्लू बुक के मुताबिक सुरक्षा

सूबे में एसपीजी सुरक्षा प्राप्त वीवीआईपी की सुरक्षा का जिम्मा सुरक्षा मुख्यालय संभालता है। वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान सिक्योरिटी इंतजामों के लिए बाकायदा एक ब्लू बुक होती है, जिसके मुताबिक ही कदम उठाए जाते है। डीजीपी मुख्यालय की ओर से सुरक्षा मुख्यालय को अतिरिक्त फोर्स मुहैया करायी जाती है जिसमें एसपी से लेकर सिपाही, तमाम सुरक्षा उपकरण, पीएसी आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा सुरक्षा मुख्यालय फ्लीट के लिए बुलेटप्रूफ सफारी गाडि़यां मुहैया कराता है जिसमें जैमर भी शामिल होता है। वहीं आईबी के अलावा सूबे की इंटेलिजेंस विंग वीवीआईपी मूवमेंट से पहले सभी सुरक्षा पहलुओं को खंगालती है।

पहले भी होती रही है लापरवाही

सोनिया गांधी के रोड शो के दौरान सामने आई गड़बडि़यों का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के वाराणसी दौरे के दौरान भी सुरक्षा चूक का मामला सामने आ चुका है। वाराणसी में दशाश्वमेध घाट जाने के दौरान जापान के प्रधानमंत्री की गाड़ी जाम में फंस गयी थी। एयरपोर्ट से होटल तक जाने वाले रास्ते पर कितनी वीवीआईपी गाडि़यों का काफिला गुजरना है, इस बारे में भी सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी नहीं थी। एसपीजी ने इस पर गहरी आपत्ति जाहिर की थी जिसके बाद मामले की जांच कराने की बात कही गयी थी। इसी तरह नवंबर 2014 में गंगा स्वच्छता कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाराणसी आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला भी सामने आया था। इस दौरान वहां लगे तमाम कैमरे काम नहीं कर रहे थे। कंटोल रूम के कई मॉनिटर भी खराब थे जिसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगायी थी।

किसे मिलती है एसपीजी सुरक्षा

नियमों के मुताबिक वर्तमान प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री व उनके करीबी परिजनों को एसपीजी सुरक्षा दी जाती है। दरअसल एसपीजी का गठन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद उनकी पत्‍‌नी सोनिया गांधी, पुत्र राहुल गांधी और पुत्री प्रियंका गांधी को यह सुरक्षा मिली हुई है। प्रियंका के पति राबर्ट वाड्रा को यह सुरक्षा तब मिलती है जब वे उनके साथ होती हैं। वर्तमान में पूरे देश में करीब 35 अति विशिष्ट लोगों को एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

इन्हें मिली है जेड प्लस सुरक्षा

इसके अलावा सूबे के पांच नेताओं को जेड प्लस सुरक्षा दी जाती है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुलायम सिंह यादव, मायावती, राजनाथ सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल हैं। इसके अलावा जेड प्लस सुरक्षा पाने वाले माननीयों के यूपी आने पर सुरक्षा मुख्यालय उन्हें इसी सुविधा के तरह सुरक्षा मुहैया कराता है।