- 40 किमी। अधिकतम स्पीड शहर में

- 20 किमी। अधिकतम स्पीड स्कूल और अस्पताल के पास

- 100 किमी। अधिकतम स्पीड हाईवे पर

- परिवहन विभाग की रिसर्च में सामने आया सच

- तेज रफ्तार से वाहन चलाकर बचा सकते हैं सिर्फ 5 मिनट

LUCKNOW :

वाहनों की स्पीड बढ़ाने से आपका ज्यादा समय तो नहीं बचता है, लेकिन रिस्क जरूर कई गुना बढ़ जाता है। 100 किमी की स्पीड से वाहन चलाने पर भी सिर्फ 5 मिनट का ही समय बचता है। यह सच्चाई सामने आई है परिवहन विभाग के वाहनों की स्पीड को लेकर किए गए एक रिसर्च से। अधिकांश दुर्घटनाओं के समय वाहन अधिक स्पीड से दौड़ते पाए गए। स्पीड के कारण ही ड्राइवर वाहनों को कंट्रोल नहीं कर पाए और एक्सीडेंट हो गए। विभागीय अधिकारियों के अनुसार शहर के अंदर वाहनों की अधिकतम स्पीड 40 किमी तय है। वहीं देश के सभी हाईवे पर स्पीड 100 किमी प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए।

समय बचाने का खेल

एक्सीडेंट पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग लोगों से नियंत्रित स्पीड में वाहन चलाने की अपील कर रहा है। समय बचाने के चक्कर में जो लोग वाहन चलाते हैं, वह अधिकतम 5 मिनट का ही समय बचा सकते हैं। जबकि इससे रिस्क फैक्टर दो गुना से 12 गुना तक बढ़ जाता है। यह रिस्क वाहन चालक का अपने लिए नहीं बल्कि रोड पर चलने वाले अन्य लोगों के लिए भी होता है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्टडी में एक निर्धारित दूरी अलग-अलग स्पीड में तय की गई जिससे साफ हुआ कि स्पीड का टाइम सेविंग पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है।

स्पीड से ही हादसे

राजधानी की सभी सड़कों पर ट्रैफिक है। ऐसे में तेज वाहन चलाने से दुर्घटनाओं की आशंका अधिक रहती है। इन्हें रोकने के लिए ही स्कूल और हॉस्पिटल के पास 20 किमी। की स्पीड निर्धारित की गई है। वहीं शहर की खाली सड़कों पर भी अधिकतम स्पीड 40 से अधिक नहीं होनी चाहिए। हाइवेज पर स्पीड 100 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।

इस तरह समझें

स्पीड टाइम टू गो 25 किमी टाइम सेव्ड रिस्क ऑफ डेथ

80 किमी प्रति घंटा - 12 मिनट ---- -----

88 किमी प्रति घंटा -10.54 मिनट 1.6 मिनट 1.5 गुना

96 किमी प्रति घंटा - 10 मिनट 2 मिनट 2 गुना

105 किमी प्रति घंटा - 9.14 मिनट 2.46 मिनट 3 गुना

112 किमी प्रति घंटा- 8.34 मिनट 3.26 मिनट 4 गुना

120 किमी प्रति घंटा 8 मिनट 4 मिनट 6 गुना

128 किमी प्रति घंटा - 7.30 मिनट 4.30 मिनट 8 गुना

136 किमी प्रति घंटा- 7.20 मिनट 4.57 मिनट 12 गुना

स्मार्ट सिटी योजना के तहत कैमरों ने काम करना शुरू कर दिया है। गलत दिशा में गाड़ी चलाने और बिना हेलमेट चलने पर कैमरे खुद चालान कर रहे हैं। जल्द ही स्पीड के मानकों को तोड़ने वालों भी जुर्माना होगा। हाइवेज पर भी कैमरे के साथ ही स्पीड गन तैनात की गई है। जिनसे चालान किए जा रहे हैं।

रामफेर द्विवेदी, आरटीओ

रॉन्ग साइड चलने और तेज स्पीड के चलते भी एक्सीडेंट हो रहे हैं। लोगों को भ्रम होता है कि वह तेज चलेंगे तो जल्दी पहुंचेंगे। कहीं भी पहुंचने के लिए समय लेकर ही निकलें। जल्दबाजी में समय नहीं बचता बल्कि रिस्क बढ़ता है।

अनिल मिश्रा, अपर परिवहन आयुक्त लखनऊ जोन,परिवहन विभाग