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- एमएमएमयूटी का बायोएक्सिस डीएनए रिसर्च सेंटर हैदराबाद से हुआ करार

- स्टूडेंट्स को मिलेंगे फोरेंसिक साइंस, बायोइंफॉर्मेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और डीएनए टेस्टिंग के फायदे

GORAKHPUR: मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स अब टेक्नोलॉजी की हर बारीकी सीख सकेंगे। वह डीएनए टेस्टिंग में एक्सपर्ट होंगे तो फोरेंसिक साइंस में भी उन्हें महारत हासिल होगी। बायोइंफॉर्मेटिक्स और बायोटेक्नोलॉजी की भी उनमें समझ होगी। इसके लिए एमएमएमयूटी के वीसी प्रो। श्रीनिवास सिंह की पहल पर देश के रेप्यूटेड बायोएक्सिस डीएनए रिसर्च सेंटर्स (बीडीआरसी) से एमएमएमयूटी का करार हुआ है। अब स्टूडेंट्स को बेहतर रिसर्च का मौका मिलेगा।

इंटर्नशिप के लिए नहीं होगी टेंशन

अब तक स्टूडेंट्स को वैकेशन में इंटर्नशिप के लिए काफी परेशान होना पड़ता था। जुगाड़ लगाने के बाद वह किसी तरह इंटर्नशिप कर पाते थे, मगर इस एमओयू के बाद स्टूडेंट्स को इसके लिए भी भटकना नहीं पड़ेगा। वैकेशंस में इंटर्नशिप करने के लिए वह इस इंस्टीट्यूट में बगैर रोक-टोक जा सकेंगे, बस उन्हें इसके लिए इंस्टीट्यूशनल फॉर्मेल्टी कंप्लीट करनी होगी। इतना ही नहीं बीडीआरसी में चल रहे शॉर्ट टर्म कोर्सेज में भी स्टूडेंट्स का आसानी से इनरोलमेंट हो जाएगा।

इंडस्ट्रीज की प्रॉब्लम पर ज्वाइंट रिसर्च

गोरखपुर और आसपास में डेवलपमेंट की काफी संभावनाएं हैं। मगर यहां इंडस्ट्रीज लगाने के लिए कंपनीज आगे नहीं आती है। ऐसा क्यों है? इसके लिए क्या करना होगा? इसके लिए एमएमएमयूटी के साथ ही बीडीआरसी के एक्सप‌र्ट्स भी ज्वाइंट रिसर्च में हिस्सा लेंगे और एरियाज की प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के लिए मंथन करेंगे। इसके बाद जिस लेवल पर भी कमी होगी, वह इसके लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर गवर्नमेंट एजेंसीज को सौंपेगे, जिससे इस प्रॉब्लम को परमनेंटली सॉर्ट आउट किया जा सके और सिटी के डेवलपमेंट के बीच आ रहे रोड़ों को दूर किया जा सके।

रेलिवेंट एरिया में डेजरटेशन का मौका

यूनिवर्सिटी के एमओयू से स्टूडेंट्स को काफी फायदा है। सबसे खास फायदा यह कि जिस टॉपिक पर बीडीआरसी में रिसर्च चल रही है, अगर कोई एमटेक स्टूडेंट्स यहां भी सेम टॉपिक या रेलिवेंट सब्जेक्ट के लिए इनरोल है, तो उसे वहां भी रिसर्च कर अपने डेजरटेशन तैयार करने का मौका मिलेगा। इसमें स्टूडेंट्स एनरोलमेंट की मैक्सिमम लिमिट 5 तय की गई है। यह मौके एमटेक कर रहे स्टूडेंट्स को मिलेगा।

इनमें मौका -

फोरेंसिक साइंस

बायो इंफॉर्मेटिक्स

बायो टेक्नोलॉजी

डीएनए टेस्टिंग

कम्यूटेशनल इंटेलिजेंस

बायो साइंस

यह मिलेगा फायदा

- एकेडमिक रिसर्च होगी प्रमोट

- इंटर्नशिप और शॉर्ट टर्म कोर्स में ट्रेनिंग का मौका

- इंडस्ट्रीज की प्रॉब्लम पर रिसर्च का मौका

- टीचिंग क्वालिटी इंप्रूव करने के लिए एक्सपर्ट लेक्चर

- वीडियो सैटेलाइट लिंक के जरिए ई-एजुकेशन

- बीडीआरसी की लाइब्रेरी एक्सेस करने का मौका

- कुछ वक्त के लिए वहां लेक्चर और लैब के इस्तेमाल का मौका

- रेलिवेंट एरिया में डेजरटेशन का मौका

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बॉक्स -

मंगलवार को हुआ करार

एमएमएमयूटी और बीडीआरसी के बीच मंगलवार को समझौता हुआ। प्रो। श्रीनिवास सिंह की मौजूदगी में यूनिवर्सिटी की ओर से डीन प्लानिंग रामदुलार और एल्युम्नाई संबंध जबकि बीडीआरसी की ओर से सीनियर मैनेजर संचालन अनुकूल मिश्रा ने सिग्नेचर किए। इस मौके पर रजिस्ट्रार यूसी जायसवाल और यूनिवर्सिटी संपर्क अधिकारी डॉ। गोविंद पांडेय भी मौजूद रहे।

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वर्जन

एमएमएमयूटी और बीडीआरसी के बीच पांच साल के लिए करार हुआ है। आगे इसे दो साल के लिए और एक्सटेंड किया जा सकता है। इससे स्टूडेंट्स को बेहतर रिसर्च का मौका तो मिलेगा ही, अन्य फायदे भी होंगे।

- डॉ। गोविंद पांडेय,

यूआरओ, एमएमएमयूटी