रात शबाब पर हैं, हजारों की भीड़ है और सामने बने स्टेज पर सन्नाटा छाया है. शो का फर्स्ट हॉफ बीत चुका है. लोगों की दीवानगी अपने चरम पर है. उन्हे इंतजार है कि वो आएगी और उन्हे म्यूज़िक की मैजिकल दुनिया में ले जाएगी. वो आ नही रही है, लोग हंगामा मचा रहे हैं, इंडियन आइडल राकेश मैनी भी लोगों के एक्साइटमेंट को संभाल नहीं पा रहे हैं. उनके जट यमला पगला दीवाना पर भी कोई नहीं झूमा. सब चिल्ला रहे कि उन्हे उनकी शहज़ादी से मिलाओ. शोर बढ़ता जा रहा है और धीरे धीरे एक आवाज सारे शोर पर भारी पड़ रही है. लोग शान्त से हो गये हैं. कैसी पहेली है ये ज़िन्दगानी की मंद मंद सी आवाज . फर्स्ट हॉफ की शीला अब तक लोगों को क्रेजी कर चुकी है. स्टेज पर सुनिधि चौहान हैं और उनके हाथ में लोगों के दिल. कुछ ऐसी ही है आईआईटी अंतराग्नि 2011 की आखिरी नाइट.
स्टेज पर शिमरी ब्लैक ड्रेस में आईं सुनिधि ने आते ही कहा कि वे तभी गाएंगी जब शोर उनके कानों तक पहुंचेगा. लोग चिल्लाए जा रहे थे पर सुनिधि प्यार से कह रहीं थी वंस मोर वंस मोर. क्रेज़ी किया रे गाकर सुनिधि ने जो समा बांधा वो बैंड बाजा बारात के ‘ऐंवी ऐंवी लुट गया’ से पूरी तरह उनके कंट्रोल में हो गया. शीला की जवानी और फिर देसी गर्ल पहले हाफ में टेकीज़ को झुमाने के लिया इतना ही काफी था. सुनिधि ने इस बीच गानों में जमकर वैरीएशन किया. रॉक को पॉप और फ्यूज़न में बदल कर किये उनके ढ़ेर सारे एक्सपेरीमेंट्स लोगों के दिल में उतर गये. बीड़ी जलाइले के यूपी स्टाइल को उन्होने ड्रम्स के साथ एक्सपेरीमेंट करा कर पंजाबी तड़के के साथ परोसा तो लोगों के दिल हाथ में आ गये.
सुनिधि जिस ओर अपनी नजरें घुमा रही थीं उसी ओर से शोर का कुछ ऐसा समा सैलाब उमड़ पड़ता था कि मानों सारी दीवानगी आज आईआईटी में ही उतर आई हो. लोगों ने किसेस दीं तो बदले में उन्हे भी ढ़ेर सारी फ्लाइंग किसेस मिल गईं. लोगों ने शोर मचाया तो बदले में सुनिधि ने भी अपनी आवाज़ को उनके दिलों में उतार दिया.
मर्डर 2 के ये रात रूक जाए, बात थम जाए से सुनिधि ने थोड़ी देर के लिये उस दीवानी रात को थाम ही दिया जिसे थोड़ी ही देर पहले डेसी गर्ल से उसने लूज़ कन्ट्रोल किया था. बीड़ी जलाइले और झूम बराबर झूम से उन्होंने भीड़ को एक बार फिर उतना ही दीवाना बना दिया.
प्रोग्राम एंड हो गया और सुनिधि ने लोगों से विदा ले ली. आईआईटी का 4 दिनों तक चला अन्तराग्नि भी इसी के साथ खत्म हो गया. फेसबुक पर आईआईटी से पीएचडी कर रहे सर्वेन्द्र ने अपना स्टेटस अपडेट किया और लिखा- ‘सुनिधि ने अन्तराग्नि के बोरिंग प्रोग्राम्स को अपनी रॉकिंग पर्फार्मेंस के जरिये कम्पन्सेट कर दिया.’ ऐसा ही कुछ औरों का भी मानना है. सुनिधि चौहान अन्तराग्नि’11 के चौथे दिन स्टेज पर आई तो लोगों की बोरियत भगाने थी पर जब वो गईं तो शायद कइयों के दिल उन्ही के साथ चले गये थे. अन्तराग्नि की वो मेमोरेबल नाइट अब एक मेमोरी बन गई थी.
Reported by: Surabhi Yadav and Alok Dixit
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