टैक्सपेयर से डाइरेक्ट कम्युनिकेशन होगा

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब हर टैक्सपेयर से डाइरेक्ट कम्युनिकेशन करना चाहता है. साथ ही टैक्सपेयर के ई-फाइलिंग अकाउंट की सेफ्टी के लिए नया नियम बना है. कई टैक्सपेयर अपनी सुविधा के लिए दूसरों के ई-मेल आईडी देते हैं. दूसरों की ई-मेल आईडी की वजह से पासवर्ड रिसेट करने में भी दिक्कत आती है.

मोबाइल नंबर या इमेल आईडी बदलने पर फिर होगा रजिस्ट्रेशन

मोबाइल नंबर और ईमेल के रजिस्ट्रेशन के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी डालने होंगे. इसके बाद वेरिफिकेशन के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजेगा. वहीं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करने के लिए ओटीपी डालना जरूरी होगा. मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी रजिस्ट्रेशन एक ही बार कराना होगा. लेकिन मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी बदलने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा. एक ई-मेल आईडी या मोबाइल नंबर 4 से ज्यादा यूजर इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की सलाह है कि हर टैक्सपेयर की अलग ई-मेल आईडी होना बेहतर होगा.

सीए नहीं कर सकेंगे मनमानी

सीबीडीटी सोर्सेज का कहना है कि नए नियम के अमल में आने के बाद, टैक्सपेयर की मदद नहीं करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की मनमानी पर रोक लगेगी. टैक्सपेयर्स की जानकारी चार्टर्ड अकाउंटंटों के लेवल पर ही अटकी नहीं रहे, इसलिए  भी यह फैसला किया गया है. साथ ही टैक्सपेयर्स के साथ होने वाली जालसाजी पर शिकंजा कसा जा सकेगा. वहीं इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास स्क्रूटनी के लिए डेटाबेस तैयार हो सकेगा और लोगों को सीधे रिफंड करने में आसानी होगी.  हालांकि कुछ टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए नियम बेतुके लग रहे हैं. उनके मुताबिक, इससे कंफ्यूजन बढ़ेगा और लोगों को दिक्कत होगी.

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