इंक्रीमेंट की बात करने से पहले आपका विजन बिल्कुल क्लियर होना चाहिए. करियर लॉन्चर एजुकेट लिमिटेड, दिल्ली के एमडी, गौतम पुरी कहते हैं, ‘इंक्रीमेंट मांगने से पहले इंडिविजुअल को अपने परफॉर्मेंसेज को लेकर अवेयर रहना चाहिए. साथ ही उसे अपनी मार्केट वैल्यू और रिस्पॉन्सिबिलिटी टेकिंग केपेबिलिटीज के बारे में भी पता होना चाहिए. अगर किसी में आर्गनाइजेशन की ग्रोथ को एंहैंस करने का टैलेंट है तो वो कॉन्फिडेंटली अपने बॉस से इस इश्यू पर बात कर सकता हैं.’

Time and placeBoss and employee

टाइम एंड प्लेस इस इश्यू में इम्पॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं. मीटिंग में इंक्रीमेंट की बात करने से हो सकता है कि बाकी लोग भी इसकी डिमांड करें और आपकी रिक्वेस्ट दब कर रह जाए. आप बॉस से फोन या फिर छुट्टी वाले दिन मौका देख कर बात करें. ये ध्यान रखना इसलिए ज़रूरी क्योंकि हो सकता है कि कहीं आप उन्हें गलत टाइम पर कॉल कर दें या फिर छुट्टी वाले दिन उन्हें डिस्टर्ब करके उनका मूड खराब कर दें तो बात बिगड़ सकती है. इस बारे में कॉरपोरेट काउंसलर अश्विनी अवस्थी कहते हैं, ‘आपको ये भी पता होना चाहिए कि बॉस का नेचर कैसा है. अगर वो शॉर्ट टेम्पर्ड हैं तो उनसे तभी बात करें जब उनका मूड अच्छा हो.’

Value your performance

गौतम पुरी का मानना है कि एम्प्लॉई को हमेशा अपने काम को वैल्यू देनी चाहिए. उनका कहना है, ‘कम्पनी के इम्पॉर्टेंट प्रॉजेक्ट्स में आपका रोल, आपकी वजह से कम्पनी को मिली अचीवमेंट्स और आपकी ओवरऑल परफॉर्मेंस पर फोकस करें. अच्छी परफॉर्मेंस से ही आप ये प्रूव कर सकते हैं कि आप एक डिज़र्विंग कैंडिडेट हैं. अगर आप को लगता है कि आपने अपने काम में बहुत सारे इंप्रूवमेंट्स किए हैं तो आप बिना किसी हैज़िटेशन के बॉस से अपने इंक्रीमेंट की बात कर सकते हैं.’

Future liabilities

गौतम इस बात को भी इंपॉर्टेंस देते हैं कि इंक्रीमेंट मांगने से पहले, फ्यूचर में आने वाली रिस्पॉन्सिबिलिटीज़ लेने के लिए आपको तैयार रहना होगा. बॉस से बात करते वक्त अगर आप आर्गनाइज़ेशन को लेकर अपना फ्यूचर विज़न क्लियरली एक्सप्रेस करते हैं तो बॉस पर अच्छा इंप्रेशन पड़ेगा. 

Analyse your market value

अगर आप को लगता है कि आपको जॉब स्विच करने से आपको ज्यादा सैलरी मिल सकती या आपकी डेज़िग्नेशन अपग्रेड हो सकती है तो इस मैटर पर अच्छे से वर्क आउट करें. रिजल्ट आपके फेवर में हो तो बॉस को यह कह कर कंविंस किया जा सकता है कि आप अपनी जॉब नहीं छोडऩा चाहते हैं लेकिन अब आपको इंक्रीमेंट की ज़रूरत है. दूसरी कम्पनीज़ आपकी प्रेजेंट जॉब प्रोफाइल पर कितनी सैलरी ऑफर करेंगी, इसकी भी आपको फुल इंफॉर्मेशन होनी चाहिए. यह आपको अपनी और बाकी कम्पनीज के डाटा को कम्पेयर करने में मदद करेगा.

No blackmailing

किसी भी तरह की इमोशनल ब्लैकमेलिंग, थ्रेट्स या वॉर्निंग्स महंगी पड़ सकती है. याद रखें कि आर्गनाइजेशन आपकी पर्सनल रिक्वॉयरमेंट्स की वजह से अपने प्रोटोकॉल्स नहीं चेंज करेगी. कोई भी इंडिविजुअल एक आर्गनाइजेशन से ज़्यादा स्ट्रांग नहीं होता इसलिए बेहतर होगा कि जो भी कहें वो सिर्फ आपके काम और परफॉर्मेंस पर बेस्ड हो.

Know your profile

आपको इस बात की इंफॉर्मेशन होनी चाहिए कि कम्पनी के ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट में आपकी पोज़ीशन का रिटेन डिस्क्रिप्शन है या नहीं. कभी-कभी कम्पनी एडिशनल रिस्पॉन्सबिलिटीज के साथ प्रमोशंस कर देती है. अगर बिना बताए आपकी जॉब प्रोफाइल चेंज कर दी गई है तो आप इस रीजन को अपने कॉन्वरसेशन में इंक्लूड करें.

Be reasonable

आर्गनाइज़ेशन अगर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में इंक्रीमेंट्स करता है तो उस पर्टिकुलर टाइम के अलावा बात करना बेकार होगा. इंक्रीमेंट अगर इन्डाएरेक्टली जैसे कार, रेंटेड हाउस वगैरह के फॉम्र्स में मिल रहा है तो आप उसे एक्सेप्ट कर सकते हैं. बेमतलब की ज़िद पर ना अड़ें. लेकिन अगर आपकी परफॉर्मेंस सैटिस्फैक्ट्री नहीं है तो इंक्रीमेंट मिलना मुश्किल है.

Story by Kratika Agarwal