टाइफॉइड दरअसल खुद में एक बड़ी बीमारी नहीं है लेकिन इसमें बरती गई थोड़ी सी भी लापरवाही इसे वापस बुला सकती है. फिजीशियन डॉ. आरती लालचंदानी कहती हैं, ‘इस बीमारी में इंडाइजेशन और डायरिया होना कॉमन है. इसके अलावा गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट इंफेक्ट होने की वजह से कांस्टिपेशन भी हो जाता है. ऐसे में डाइट आपको क्योर करने में इंपॉर्टेंट रोल प्ले करती है.’
What to eat?
डॉ. लालचंदानी कहती हैं, ‘टायफाइड में ढेर सारे फ्रूट्स और वेजिटेबल्स खाने चाहिए. इससे बॉडी की इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होती है.’ ये हैं वो चीजें जो हेल्दी बनने में आपकी हेल्प करेंगी...
हरी सब्जियां- डॉ. लालचंदानी टमाटर और लीफी वेजिटेबल्स के फेवर में वोट करती हैं. वो कहती हैं, ‘टमाटर और लीफी वेजिटेबल्स खाने से स्टूल सॉफ्ट होगा.’
मट्ठा- टायफाइड में इंटेस्टिनल परफोरेशन होने के चांसेज बढ़ जाते हैं. ऐसे में मट्ठा पीने से पेट अच्छा फील करता है.
स्टीम्ड या बेक्ड चीजें- डॉ. लालचंदानी के हिसाब से स्टीम्ड और बेक्ड चीजें खानी चाहिए. ये चीजें पचाने में ज्यादातर आसान होती हैं जिससे पेट को आराम मिलता है.
प्रोटीन- बॉडी टिश्यूज की रिपेयर के लिए प्रोटींस भी जरूरी होते हैं. लेकिन डॉ. लालचंदानी के मुताबिक इसकी क्वॉन्टिटी
ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
इसके अलावा डॉ. लालचंदानी थोड़ा नमक लेने की एडवाइज भी देती हैं क्योंकि पेशेंट को वॉमेटिंग होने से डायरिया का रिस्क बढ़ जाता है.
टायफाइड का बुखार जब दूसरे वीक में पहुंचता है तो हाई ग्रेड फीवर सीधे ब्रेन में अटैक करता है और डिलीरियम (बेहोशी) की हालत पैदा कर देता है. इसे ही नरवस फीवर कहते हैं. ये सेलमोनेला और पैरा टाइफी बैक्टीरिया से फैलता है. इस डिसीज से खांसी, नाक से ब्लीडिंग, बेहोशी जैसी प्रॉब्लम होती है. इसके बचाव के लिए अब वैक्सीन भी आ गई हैं. जिससे ठीक हुआ जा सकता है. लेकिन थोड़ी सी लापरवाही सीरियस हो सकती है.
What to avoid?
ये हैं कुछ चीजें जिन्हें एक टायफाइड पेशेंट को अवॉइड करना चाहिए...
नॉन-वेजिटेरियन प्रोटीन-डॉ. लालचंदानी कहती हैं, ‘नॉन-वेजिटेरियन प्रोटीन को अवॉइड करना चाहिए क्योंकि वो जल्दी डाइजेस्ट नहीं होते.’
घी- डॉ. लालचंदानी के मुताबिक ऑयली चीजें कतई नहीं खानी चाहिए. वो कहती हैं, ‘घी पचाने में पेट को काफी मेहनत करनी पड़ती है. इससे परेशानी बढ़ जाती है.’
फास्ट फूड- फास्ट फूड में मैदे का काफी यूज होता है. डॉ. लालचंदानी कहती हैं, ‘मैदा पचाने में भारी होता है. इसके अलावा फास्ट फूड में आलू और घी भी काफी होता है जो तबियत और खराब कर सकता है.’