दोस्त ने किया परिजनों को फोन
आवास विकास कॉलोनी सेक्टर चार निवासी 22 वर्षीय दीपक मखीजा बेंगलुरु में एक कंपनी में कार्यरत थे। मां सीमा ने बताया कि शनिवार दोपहर बाद तीन बजे दीपक का फोन आया था। बताया था कि वो अपने मित्रों के साथ नए साल की खुशी मनाने पुडूचेरी आया है। सभी दोस्त बाइक से आए हैं। वहीं शाम करीब साढ़े पांच बजे दीपक के किसी दोस्त ने फोन किया, जिसमें दुर्घटना की जानकारी दी गई।

दोस्तों ने दीपक के डूबने की खबर
बताया कि हम लोग तट पर घूम रहे थे, तभी आईं लहरों ने उसे अपने आगोश में ले लिया। दीपक समुद्र में डूब गया है। परिवार के लोग रोने-बिलखने लगे। पिता और अन्य लोग पुडूचेरी के लिए तत्काल रवाना हो गए। रविवार को परिजनों ने जानकारी दी कि दोपहर में शव मिल गया। घटनाक्रम के बारे में दोस्तों ने परिजनों को बताया कि वे लोग समझ रहे थे कि दीपक मजाक कर रहा है। मगर काफी देर तक दीपक नजर नहीं आया तो शोर मचाया। लेकिन, वहां पर कोई मददगार नहीं मिला।

एक साल पहले लगी कंपनी में जॉब
परिजनों ने बताया कि दीपक का चयन एक वर्ष पहले बहुराष्ट्रीय कंपनी में हुआ। वह बेंगलुरू चले गए। दीपक की याद कर मां सीमा ने बिलख-बिलख कर बताया कि 31 दिसंबर 2021 को दीपक की नौकरी लगी थी। एक जनवरी 2022 की सुबह उसने खुशखबरी दी थी। अब 31 दिसंबर 2022 को पुत्र के समुद्र में डूबने की खबर मिली। उस दिन को याद कर परिजन बिलख रहे हैं।

बेठे की कुशलता को रखा व्रत
परिजनों को फोन दीपक के दोस्तों ने जैसे ही उसके साथ घटित दुर्घटना की जानकारी दी, तो उन्होंने इस खबर की पुष्टि करने के लिए अन्य दोस्तों और कंपनी के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी, इस दौरान कुछ लोगों ने घटना के बारे में जानकारी नहीं होना बताया है, इस पर दीपक की मां सीमा ने बेटे की सकुशल वापसी के लिए वृत रखा था। दादी का भी रोरोकर बुरा हाल है।

रविवार सुबह मिला शव
रविवार की दोपहर पुत्र का शव बरामद होने की सूचना आते ही बेहाल हो गईं। दीपक के पिता तुलसीराम तीन भाई हैं। सबसे बड़े नानकराम हैं, इसके बाद तुलसीराम और सबसे छोटे किशनलाल हैं। तीनों भाइयों का संयुक्त परिवार है।

तीन भाईयों में बड़ा था दीपक
नानकराम ने बताया कि दिल्ली गेट-राजामंडी रेलवे स्टेशन मार्ग पर परिवार का कृष्णा के नाम होटल है। दीपक तीन भाइयों में बड़ा था। छोटे दोनों भाई विक्की और जय अभी पढ़ रहे हैं। दुर्घटना की खबर सुनकर आसपास के लोग भी शोक में डूबे नजर आए।

शोक मेें डूबे आसपास के लोग
आवास विकास सेक्टर चार में रहने वाले हर्ष ने बताया कि दीपक पढऩे में शुरू से ही तेज था, एक साल पहले जॉब लगने के बाद वो घर मिठाई लेकर आया था, सभी का हालचाल पूछने के बाद अपनी नौकरी के बारे में बताया, जानकर बहुत खुशी हुई। इस दौरान आसपास के लोग भी शोक में डूबे नजर आए।

मेरा दीपक आएगा, बोली दादी
दीपक की दादी चन्द्रा देवी को विश्वास नहीं हो रहा था कि उनके नाती की मौत हो चुकी है, रोती बिलखती आवाज में वो संवेदना व्यक्त करने वालों से बोल रहीं थीं कि दीपक को कुछ नहीं हुआ, वो आ जाएगा। इस तरह बोलने के बाद वो अपने आंशुओं को रोक नहीं सकी। आसपास बैठी महिलाओं ने उनको ढांढस बंधाया।