स्टूडेंट्स की संख्या में गिरावट

क्लास एर्थ से क्लास नाइंथ में एंटर होने वाले दिव्यांग स्टूडेंट्स की संख्या में काफी गिरावट देखी गई। चारों जिलों में क्लास एर्थ के सभी स्टूडेंट्स का क्लास नाइंथ में प्रॉपर एनरोल नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर कमिश्नर ने बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा और समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी को-ऑर्डिनेशन से आगरा मंडल के सभी दिव्यांग बच्चों का जिलेवार डेटा जुटाएंगे। दिव्यांग बच्चों का क्लास एक में 100 परसेंट प्राइवेट व गवर्नमेंट स्कूल्स में एडमिशन करवाया जाए। यू डायस पर फीडिंग हो। किसी भी क्लास में स्टूडेंट ड्रॉप आउट नहीं होने चाहिए। ड्रॉप आउट रोकने लिए नियमित मंथली समीक्षा होनी चाहिए। बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा दिलाने हेतु स्कूल व कॉलेज में भी प्रवेश दिलवाया जाए।

योजनाओं का मिले लाभ

कमिश्नर ने निर्देश दिए कि दिव्यांग बच्चों और लाभार्थियों को स्कॉलरशिप, स्टाइपेंड, कृत्रिम उपकरण, मेडिकल, एस्कोर्ट आदि योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए। अगर किसी बच्चे को योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है तो उसका कारण स्पष्ट किया जाए। कमिश्नर सख्त हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी स्तर लापरवाही होती है तो संबंधित के खिलाफ जिम्मेदारी तय की जाए। इसके अलावा शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार लाने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केंद्रों पर इन्फ्र ा किट की स्थिति देखी। निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश की स्थिति की समीक्षा करते हुए जानकारी दी गयी कि आगरा में 6 गौशालाएं निर्माणाधीन हैं, जबकि 4 गौशालाओं का विस्तार किया जा रहा है। ओडीओपी (एक जनपद एक उत्पाद) की समीक्षा की गयी। सीडीओ की अध्यक्षता में आगरा मंडल की जिला स्तरीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए। सीएम डैशबोर्ड पर आगरा मंडल के चारों जिलों की रैकिंग की समीक्षा की गई। रैकिंग में गिरावट होने पर कमिश्नर द्वारा नाराजगी जताई गयी।