आगरा(ब्यूरो)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जन्म के बाद नवजात शिशु को गर्म रखना बहुत जरूरी है। जन्म के समय और अपने जीवन के पहले दिन शिशु के शरीर के लिए अपने शरीर का तापमान बनाए रखना कठिन होता है। जन्म के समय वह गीले होते हैं और उनके शरीर का तापमान तेजी से घटता है। यदि उन्हें ठंड लग जाए, तो वह अपनी ऊर्जा का प्रयोग गर्म रखने के लिए करते हैं और बीमार हो जाते हैं। ऐसे शिशु जिनका वजन जन्म के समय कम होता है और 9 महीने के पहले जन्मे शिशुओं में ठंड लगने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में अवेयरनेस के चलते ही बच्चे को हाइपोथर्मिया से बचाने में कामयाब हो सकते हैं।

इतना रहना चाहिए टेम्प्रेचर
एसीएमओ आरसीएच डॉ। संजीव वर्मन ने बताया कि बच्चे का तापमान 97 या 98 डिग्री फारेनहाइट है, तो बच्चा सामान्य है। अगर बच्चे का तापमान 97 डिग्री फारेनहाइट से कम होता है तो बच्चा हाइपोथर्मिया की चपेट में आना शुरू हो जाता है। जब बच्चे का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट से कम होता है तो बच्चे को स्वास्थ्य इकाई पर रेफर किया जाता है। अभिभावकों को हाइपोथर्मिया की सही जानकारी होना जरूरी है, जिससे वह बच्चों का बचाव कर सकें। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर अभिभावकों को बच्चे को ठंड से बचाव के तरीके के बारे में जानकारी देती हैं। हाइपोथर्मिया (सामान्य ठंडा) की चपेट से बचाने के लिए यूनिसेफ संस्था के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं और आशा संगिनी को समय-समय पर टेक्निकल सहयोग प्रदान किया जाता है। अकोला ब्लॉक की आशा संगिनी लक्ष्मी शर्मा बताती है कि 20 आशा कार्यकर्ता पर लगभग 35 से 40 बच्चों के घर पर जाकर एचबीएनसी विजिट करती हैं।


जन्म के समय शिशु का तापमान 97.7 डिग्री फरेनहाइट (36.5 डिग्री सेल्सियस) (सामान्य तापमान) हो, और यदि उसे अच्छी तरह सुखाया या ढका न जाए, तो उसके शरीर का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट (35.0 डिग्री सेल्सियस) हो जाएगा, जो सामान्य से कम है। यदि बच्चे को हाइपोथर्मिया की शिकायत होती है तो कंगारू मदर केयर के जरिए बच्चे को गर्म किया जाता है। उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में बच्चे के सिर पर टोपी, हाथ पैरों में मौजे व दस्ताने पहनाने चाहिए। क्योंकि बच्चे के शरीर में हाथ पैरों के तलवे और सिर के जरिए ही ठंड घुसती है।
डॉ। खुशबू केसरवानी, बाल रोग विशेषज्ञ, जिला महिला अस्पताल

शिशु को गर्माहट कैसे दें
- कमरे का तापमान बढ़ाएं।
- गीले या ठंडे कंबल और कपड़े हटा दें।
- शिशु को मां के शरीर से सटाकर लिटाएं। शिशु में गर्माहट न आ जाए तब तक ऐसा करते रहे, जब तक कि शिशु का तापमान सामान्य न हो जाए।
- शिशु को कपड़े और टोपी पहनाएं।
- शिशु के शरीर में कैलोरी और तरलों का स्तर बनाए रखने के लिए उसे स्तनपान कराना जारी रखें ताकि उसका ब्लड शुगर लेवल न कम हो।