सिटी में कई योजनाएं बजट के अभाव में फाइलों तक ही सिमट कर रह गई हैं।
आगरा। जिला योजना की बैठक को करीब तीन महीने गुजर गए, लेकिन अभी तक किसी भी विभाग को शासन से फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। इसके चलते सिटी में योजनाएं फाइलों में दम तोड़ रहीं हैं।
आश्वासन नहीं हुआ पूरा
16 जुलाई को विकास भवन में हुई जिला विकास योजना की मीटिंग में जिला प्रभारी मंत्री पारसनाथ यादव ने जल्द ही बजट दिलाए जाने का भरोसा दिलाया था। लेकिन, विभागों को अब तक पहली किस्त जारी नहीं हुई। लोक निर्माण विभाग के लिए 41 करोड़ 43 लाख के बजट का प्रस्ताव तैयार किया गया। शासन तक पहुंचते-पहुंचते यह मात्र 87 लाख का रह गया। वह भी अभी शासन से स्वीकृत नहीं हो सका है।
188 करोड़ का बजट पास होना था
बता दें, जिला विकास योजना के तहत सभी विभागों के लिए 188 करोड़ के बजट का प्रस्ताव पास किया गया था, लेकिन मौजूद स्थिति ढाक के तीन पात वाली बनकर रह गई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो पूरे प्रदेश में लोक निर्माण विभाग का बजट 50 करोड़ का है।
अधर में लटकी योजनाएं
ताज नगरी की प्रस्तावित योजनाएं कहीं आगराइट्स के लिए महज एक सपना बनकर न रह जाएं। पहले भी कई बार योजनाओं के प्रपोजल बनाकर शासन को भेजे गए, लेकिन शासन से अपेक्षित बजट मुहैया न हो पाने के कारण योजनाएं अधर में लटक गई।
विभिन्न विभागों की योजनाओं पर एक नजर
पर्यटन विभाग
प्रस्तावित बजट: 160 लाख
गत वर्ष का प्रस्तावित बजट: 70 लाख
शासन से प्राप्त बजट: शून्य
प्रस्तावित योजनाएं: स्थानीय पर्यटन का विकास, पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण, स्मारकों का पुनरुद्धार, डीलक्स टॉयलेट आदि।
योजना: प्रो-पूअर टूरिज्म डेवलपमेंट
बजट: 136 करोड़
प्रस्तावित कार्य: अर्बन कंजरवेशन एंड टूरिज्म डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 136 करोड़ की लागत से ताज के आसपास के एरिया को विकसित करना। इसमें रोड के दोनों ओर पाथ-वे, साइकिल ट्रैक, लाइटें, हैंडीक्राफ्ट मार्केट, आरओ प्लांट, डीलक्स टायलेट आदि बनाए जाने प्रस्तावित हैं।
माध्यमिक शिक्षा विभाग
प्रस्तावित बजट: 15 करोड़ 65 लाख 87 हजार
गत वर्ष का प्रस्तावित बजट: 7 करोड़ 49 लाख 82 हजार
शासन से प्राप्त बजट: 25 लाख
प्रस्तावित कार्य: राजकीय उ.मा। स्कूल के भवनों का निर्माण, विस्तार, विद्युतीकरण, भूमि का क्रय-विक्रय, ब्लॉक स्तर पर राजकीय हाईस्कूल खोलना, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के कार्य, राजकीय जिला पुस्तकालयों का निर्माण आदि।
लोक निर्माण विभाग
प्रस्तावित बजट: 41 करोड़ 43 लाख 26 हजार
गत वर्ष का प्रस्तावित बजट: 30 करोड़
शासन से प्राप्त बजट: 2 करोड़ 16 लाख 81 हजार
प्रस्तावित योजना: शहर-देहात की सड़कों का निर्माण, कुछ सड़कों की मरम्मत करना आदि।
स्वास्थ्य विभाग
प्रस्तावित बजट: 13 करोड़ 50 लाख
गत वर्ष का प्रस्तावित बजट: 8 करोड़ 65 लाख
शासन से प्राप्त बजट: एक करोड़ 13 लाख 76 हजार
प्रस्तावित योजना: प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना, नवीनीकरण, प्लास्टिक सर्जरी, बर्न यूनिट, रेडियोलॉली यूनिट, इंटेन्सिव केयर यूनिट, होम्योपैथिक हॉस्पिटलों का निर्माण शामिल है।
डेयरी एवं दुग्ध विकास विभाग
प्रस्तावित बजट: 5 करोड़
गत वर्ष का प्रस्तावित बजट: 7 करोड़ 64 लाख 75 हजार
शासन से प्राप्त बजट: एक करोड़ 38 लाख 71 हजार
प्रस्तावित योजना: दुग्ध उत्पादनों में वृद्धि, ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट, दुग्ध संघों एवं समितियों का सुदृढ़ीकरण, पुनर्गठन एवं विस्तार, प्रोडेक्ट को बाजार में उतारना आदि।