आगरा(ब्यूरो)। एसएन मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक विभाग के एचओडी डॉ। नीरज यादव ने बताया कि इस वक्त कोल्ड सिचुएशन है। ऐसे में बच्चों को निमोनिया होने, पसली चलने की समस्या हो रही है। बच्चों को अस्थमा की भी शिकायत हो रही है। ऐसे में बच्चों को एडमिट भी करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे को जुकाम होने, सर्दी या खांसी होने पर लापरवाही न करें। उन्हें डॉक्टर को दिखाएं।

सर्दी से करें बचाव
डॉ। यादव ने बताया कि इस कोल्ड सिचुएशन से बच्चों का बचाव करें। उन्हें हवा न लगने दें। पैरों में सॉक्स जरूर पहनाकर रखें। कानों को भी बांधकर रखें। घर से बाहर ले जाते वक्त उन्हें हवा न लगने दें। उन्हें ऊनी शॉल से ढककर ले जाएं। बाइक पर बिल्कुल भी बच्चों को न ले जाएं। बाइक पर उन्हें ठंडी हवा लगती है और बच्चे बीमार पड़ जाते हैैं।

खांसी को न समझे साधारण
उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में बच्चों को निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है लेकिन लोग इसे साधारण सर्दी-खांसी समझ कर लापरवाही कर देते हैं। जबकि ये बैक्टीरियल इंफेक्शन है। अगर इसका समय रहते सही तरह से इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकता है। निमोनिया होने पर फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं और इससे श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। इस संक्रमण से फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे बलगम या मवाद वाली खांसी, बुखार, ठंड लगने और सांस लेने में तकलीफ होने जैसी समस्या हो सकती है। सही ट्रीटमेंट मिलने पर मरीज स्वस्थ हो सकता है।

सांस तेज लेना भी निमोनिया के लक्षण
चाइल्ड स्पेशलिस्ट और पूर्व आईएमए प्रेसिडेंट डॉ। ओपी यादव ने बताया कि बच्चों में ठंड लगने से निमोनिया और पसली चलने की समस्या हो रही है। उन्हें नेबुलाइजर देना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सांस तेज लेना भी निमोनिया का संकेत हो सकते हैं। निमोनिया के आम लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में मुश्किल आदि लक्षण होते हैं। उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कंपकंपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी निमोनिया के लक्षण है।

निमोनिया के लक्षण
- सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द
- खांसी जो कफ पैदा कर सकती है
- बुखार पसीना और कंपकंपी ठंड लगना
- मतली उल्टी या दस्त
- सांस लेने में परेशानी

इन लक्षणों के आने पर हो जाएं सावधान
- नाक बहने
- खांसी होने
- सांस लेने में सीटी की तरह आवाज आने
- सीने में घरघराहट होने
- पसलियां चलने
- बुखार आने

सर्दी से बचाव को यह करें
- बच्चों को तीन लेयर तक कपड़े पहनाएं
- पैरों में मोजे और कानों पर कैप लगवाएं
- घर से बाहर ले जाते समय ऊनी शॉल ओढ़ाकर ले जाएं
- बाइक पर बच्चों को न ले जाएं
- ज्यादा कसे हुए कपड़े भी न पहनाएं


सर्दी बढऩे पर बच्चों को कोल्ड व निमोनिया की समस्या हो रही है। ऐसे में बच्चों को सर्दी से बचाने की आवश्यकता है। लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें।
- डॉ। नीरज यादव, एचओडी, पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट, एसएनएमसी

इस मौसम में बच्चों में पसलियां चलने, खांसी होने की समस्या आ रही है। बच्चों को एडमिट भी करना पड़ रहा है। ऐसे मौसम में बच्चों को सर्दी से बचाकर रखें।
- डॉ। ओपी यादव, सीनियर पीडियाट्रिक्स