आगरा। इसे अफसरों की अनदेखी कहें या दुकानदारों की मनमानी। दोनों ही हालातों में जनमानस की जिंदगी को दांव पर रखा गया है। आप सुनकर ताज्जुब करेंगे कि जमीन के नीचे अति ज्वलनशील गैस की पाइपलाइन गुजर रही है और ऊपर आतिशबाजी की दुकानें सजी हुई हैं। खास बात ये है कि सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं किए गए हैं। यदि जरा सी भी चिंगारी भड़की तो हाथीघाट का इलाका धमाकों से दहल उठेगा। जान-माल की कितनी हानि होगी, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है, लेकिन लापरवाह अफसरों को जनहित से कोई सरोकार नहीं है।

पूर्व में लगती आई हैं दुकानें

यमुना किनारा रोड हाथी घाट पर कई वर्षो से आतिशबाजी की दुकानें लगाई जाती हैं। यहां पर लोगों की जान दांव पर लगी रहती है। पार्क की जमीन के नीचे ग्रीन गैस की पाइप लाइन जा रही है। ज्वलनशील गैस की आग को सुलगने के लिए एक चिंगारी ही काफी रहेगी, लेकिन फिर भी सुरक्षा की तरफ प्रशासन की अनदेखी बनी हुई है। बेलनगंज निवासी अखिल यादव ने विगत वर्ष की तरह इस बार भी शिकायत की, लेकिन मामला लेन-देन कर निपटा दिया।

थाना पुलिस ने बिना जांच दी आख्या

प्रशासन की तरफ से थाने से आख्या मांगी जाती है। थाने से इस स्थान पर अपनी आख्या भेज दी गई है। थाने को यहां पर दुकान लगने से कोई आपत्ति नहीं है। थानाध्यक्ष शत्रुंजय का कहना था कि पिछले कई वर्षो से यहां पर दुकान लगती आई हैं। इस बार के लिए भी शासन को भेज दिया गया है कि थाना स्तर से कोई आपत्ति नहीं है।

रोड और रेलवे पुल समीप

यहां पर मात्र 10 मीटर की दूरी पर पुराना स्ट्रेची ब्रिज है। जिस पर रोज दर्जनों ट्रेन गुजरती हैं। साथ ही यहां पर अस्थाई खोखे रखे हुए हैं। समीप ही बुलाकी नाथ का मंदिर है। सैकड़ों लोग रोज पूजा करने आते हैं। ताजमहल और फोर्ट जाने के लिए भी ये मुख्य रास्ता है। दिनभर देशी-विदेशी पर्यटक गुजरते हैं। बिजलीघर जाने के लिए भी ये मेन रोड है। प्रशासन की इस भूल का खामियाजा आम नागरिक को भुगतना पड़ सकता है। साथ ही आतिशबाजी खरीदने वालों की संख्या भी अच्छी-खासी होती है।

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ठेका देने में अनियमितता की बू

पूर्व में यहां पर दुकान की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन बाद में पता चला है कि इस तरफ अनुमति दी गई है। डीएम ने साफ तौर पर कुछ चिन्हित स्थानों पर पटाखों की दुकान के लिए मना कर दिया था, इसमें एक नाम हाथी घाट का एरिया का भी था। जहां अब 15-16 दुकान सज रही हैं। इस लिहाज से यहां अनियमितता की बू आ रही है।